Sidhi ambulance case: सीधी एम्बुलेंस मामले में मध्य प्रदेश की सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है, सरकार ने 108 एम्बुलेंस के परिचालन पर खर्च की जाने वाली एक महीने की राशि काटने के आदेश दिए हैं वहीं लापरवाही के लिए जिम्मेदार चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने सीधी में गर्भवती महिला को एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराये जाने में हुई देरी पर संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता त्वरित और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है।
संचालक NHM ने एम्बुलेंस की राशि काटने के आदेश जारी किये
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संबंधित एम्बुलेंस वाहनों के एक माह की परिचालन व्यय राशि 4 लाख 56 हजार 9 सौ 17 रुपये सेवा प्रदाता के देयकों से काटी जाएगी, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। संचालक एनएचएम द्वारा कटौती के आदेश ज़ारी कर दिये गये हैं।
CMHO, सिविल सर्जन सहित अन्य चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधी, सिविल सर्जन सीधी, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए विभागीय जांच के आदेश किये गए हैं । मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
ये था पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 1 नवम्बर की रात गर्भवती महिला श्रीमती उर्मिला रजक को अचानक पेट में दर्द होने पर उनके पति ने रात 10:30 बजे से 108 एम्बुलेंस सेवा के कॉल सेंटर पर कई बार संपर्क किया। लेकिन गंभीर स्थिति के बावजूद जिले में उपलब्ध एम्बुलेंस सेवा को तत्काल असाइन नहीं किया गया। गर्भवती महिला को सीधी जिला में संचालित 108/जननी एम्बुलेंस के बजाय अन्य लोकेशन की एम्बुलेंस असाइन की गई, जो पहले से ही एक अन्य केस में व्यस्त थी। एम्बुलेंस पहुंचने में देरी के चलते, प्रसूता के पति को मजबूरन हाथ रिक्शे के माध्यम से अस्पताल की ओर ले जाना पड़ा। रास्ते में ही महिला का प्रसव हुआ और अस्पताल पहुंचने से पहले नवजात शिशु की मृत्यु हो गई।