MP News : किसानों के लिए बड़ी खबर, समर्थन मूल्य पर चना, मसूर उपार्जन की तारीख घोषित, ये होंगे नियम, जिलों की घोषणा

Kashish Trivedi
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MP Farmers, MP Gram Lentil procurement : किसानों के लिए बड़ी खबर है। रबी वर्ष 2022 -23 के लिए चना, मसूर, राई और सरसों के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए तारीखों की घोषणा कर दी गई है। निर्धारित तारीखों पर किसानों सहित अन्य फसलों का उपार्जन कर सकेंगे। इसके लिए 40 जिलों में केंद्र निर्धारित किए गए हैं। वह भी जारी किए गए। जिसका पालन करना अनिवार्य होगा। सप्ताह के 5 दिन तक उपार्जन का कार्य जारी रहेगा।

चने का उपार्जन पूरे प्रदेश में

दरअसल राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में रबी वर्ष 2022-23 की उपज के समर्थन मूल्य पर उपार्जन की तारीखों की घोषणा की गई है। चना मसूर दाल और सरसों के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए 25 मार्च से प्रक्रिया शुरू होगी। वही इसे 31 मई तक जारी रखा जाएगा। चने का उपार्जन पूरे प्रदेश में किया जाएगा।

नवीन दिशा निर्देश भी जारी

इसके साथ ही नवीन दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। राई और सरसों का उपार्जन 40 जिलों में केंद्र शासन द्वारा निर्धारित मापदंड संबंधित निर्देश का पालन करते हुए किया जाएगा जबकि मसूर का उपार्जन 37 जिलों में किया जाना है। इसके लिए राज्य उपार्जन एजेंसियों द्वारा निर्देशों का पालन करवाते हुए उपार्जन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।

प्रत्येक सप्ताह के पांच कार्य दिवस सोमवार से शुक्रवार को सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक उपार्जन की प्रक्रिया जारी रहेगी। उपार्जन केंद्र पर किसान तौल पर्ची शाम 6:00 बजे तक जारी की जाएगी। इतना ही नहीं जारी निर्देशों निर्देश के मुताबिक परीक्षण के बाद अंतिम किसान की तो आज शाम 8:00 बजे पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

अपडेट जानकारी

  • वहीं अपरिहार्य कारणों में ही सोमवार से शुक्रवार तक तौल नहीं होने की दशा में शनिवार को समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा सकेगा।
  • उपार्जन का काम ऑनलाइन मोड में होगा ऑफलाइन मोड में उपार्जन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी।
  • इतना ही नहीं किसानों को गेहूं के समान चना मसूर और सरसों में भी फ्लोर बुकिंग की व्यवस्था दी गई है जिसका लाभ किसानों द्वारा उठाया जा सकता है 37 जिलों में मसूर का उपार्जन किया जाएगा 40 जिलों में राई और सरसों का उपार्जन किया जाएगा।
  • सभी उपार्जन केंद्र 25 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्राम पंचायतों के केंद्र को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं उपार्जन केंद्र पर पंचायत से ट्रैक करने वाले केंद्र पर किसानों की संख्या 200 से 1000 तक रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
  • वहीं हर तहसील में कम से कम एक उपार्जन केंद्र बनाया जाना अनिवार्य किया गया था जिसके बाद हर तहसील में एक उपार्जन केंद्र निर्मित किया गया है।
  • जिला उपाध्यक्ष समिति ई उपार्जन केंद्र के किसान संख्या के साथ उपार्जित की जाने वाली अनुमानित मात्रा में 50 फीसद तक की कमी और वृद्धि की जा सकेगी।
  • वही भंडारण के लिए उपार्जन केंद्र सामान्यतः गोदाम मंडी और उप मंडी परिसर में ही बनाए गए हैं। इसमें धर्म कांटे के अलावा पेयजल जन सुविधा और विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
  • इसके साथ ही जिन जिलों में चना मसूर दाल और सरसों के उपार्जन में किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन कम हुए होंगे वहां मंडी अवसर पर एक केंद्र खोला जाएगा जिसमें न्यूनतम किसान की संख्या और दूरी के बंधन को तय नहीं किया गया है।
  • साथ ही ग्राम क्षेत्र के किसान संख्या को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केंद्र पर तीन से पांच हजार मैट्रिक टन मात्रा का उपार्जन किया जा सकेगा।

इन जिलों में होगा मसूर का उपार्जन

मध्य प्रदेश के 37 जिलों में मसूर का उपार्जन किया जाएगा। जिसमें राजगढ़ के अलावा हरदा, नीमच, बेतूल, रतलाम, टीकमगढ़, छिंदवाड़ा, उज्जैन, भिंड, नर्मदा पुरम, सतना, डिंडोरी, विदिशा, सागर, नरसिंहपुर, दतिया, दमोह, मंडला, जबलपुर, रायसेन, पन्ना, शाजापुर, अनूपपुर, सिवनी, अशोक नगर, कटनी, मंदसौर, शहडोल, शिवपुरी, उमरिया, छतरपुर, सीहोर, सिंगरौली, आगर मालवा में मसूर का उपार्जन किया जाएगा।

इन जिलों में होगा राई और सरसों का उपार्जन

इसके अलावा देवास, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, दमोह, नर्मदा पुरम, सागर, रायसेन, उमरिया, उज्जैन, कटनी, शाजापुर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, मंदसौर, ग्वालियर, बालाघाट, टीकमगढ़, छतरपुर, नीमच, डिंडोरी, मंडला, दतिया, रीवा, सिंगरौली, गुना, रतलाम, सतना, अशोकनगर, शहडोल, विदिशा, राजगढ़, सिवनी, अनूपपुर, जबलपुर और आगर मालवा में राई और सरसों का उपार्जन किया जाएगा।


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