MLA Salary Allowance Hike : प्रदेश में एक तरफ जहां कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जल्दी वृद्धि की घोषणा की जा सकती है। वहीं अब वेतन भत्ते को बढ़ाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इससे पूर्व शिक्षकों के महंगाई भत्ते में 4% की वृद्धि की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। साढ़े 7 लाख कर्मचारियों के लिए 26 जनवरी तक महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा के संकेत मिल रहे हैं। इसी बीच विधायकों के वेतन भत्ते भी बढ़ाने की तैयारी की गई है।
विधायकों के वेतन भत्ते को बढ़ाने की तैयारी
मध्य प्रदेश में 7 साल बाद MLAs के वेतन भत्ते को बढ़ाने की तैयारी की गई है। अब उन्हें 1 लाख 10 हजार रुपए के बजाए 1 लाख 50 हजार रुपए करने की तैयारी की गई है। दरअसल उनके वेतन में ₹40 हजार तक की वृद्धि देखने को मिल सकती है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अन्य राज्यों से जानकारी मंगाई गई है। वेतन भत्ते और पेंशन पुनरीक्षण के लिए गठित समिति इस पर जल्द ही फैसला करेगी।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इससे पूर्व 2016 में विधायकों के वेतन भत्ते में वृद्धि की गई थी। 1972 से विधायकों को वेतन भत्ते का लाभ दिया जा रहा है हालांकि 1972 में ₹200 मासिक वेतन उपलब्ध कराया जाता था। अब यह बढ़कर 1 लाख 10 हजार रुपए हो गए हैं।
कई राज्यों में MLA के वेतन भत्ते मध्य प्रदेश से अधिक
हालांकि कई राज्य ऐसे हैं। जहां विधायकों के वेतन भत्ते मध्य प्रदेश से अधिक हैं। बिहार में विधायकों को 1 लाख 24 हजार रुपए, गुजरात में 1 लाख 10 हजार, हरियाणा में 1 लाख 95 हजार जबकि हिमाचल में 2 लाख 10 हजार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में 2 लाख 32 हजार, राजस्थान 1 लाख 12 हजार, अरुणाचल प्रदेश 1 लाख 20 हजार, असम 1 लाख 20 हजार और झारखंड में विधायकों को 1 लाख 38 हजार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इन राज्यों में MLA के वेतन भत्ते MP के विधायकों से कम
हालांकि मेघालय, नागालैंड, पंजाब, उड़ीसा, केरल और छत्तीसगढ़ में अभी भी विधायकों के वेतन भत्ते मध्यप्रदेश के विधायकों से कम है। मध्यप्रदेश में 230 विधायकों में से 31 मंत्री हैं मंत्रियों को वेतन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। मुख्यमंत्री को वेतन के रूप में ₹2 लाख जबकि कैबिनेट मंत्री को ₹1 लाख 70 हजार उपलब्ध कराए जाते हैं। राज्य मंत्री को वेतन ₹1 लाख 45 हजार उपलब्ध कराए जाते हैं।
वही विधायकों को वेतन का भुगतान विधानसभा के द्वारा किया जाता है। विधानसभा अध्यक्ष को वेतन के रूप में ₹1 लाख 87 हजार उपलब्ध कराए जाते हैं। वही विधायकों के बढ़े हुए वेतन भत्ते के बाद राज्य शासन पर अतिरिक्त भार 1 करोड़ रुपए हर महीने देखने को मिलेगा।