Employees Promotion : राज्य कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही उन्हें पदोन्नति का लाभ मिलेगा। 25 से 28 फरवरी तक इसकी लिस्ट आ सकती है। इसकी फाइलें भी तैयार हो चुकी है। वहीं विभाग दर विभाग फाइलों को भेजा जा रहा है।
7 साल से कर रहे प्रमोशन का इंतजार
मध्य प्रदेश के सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने की तैयारी की जा रही है। तहसीलदार 7 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। 1999 से 2008 तक के बीच के तहसीलदार को इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा नायब तहसीलदार को भी तहसीलदार का प्रभार दिया जाएगा।
क्राइटेरिया तय
इसके लिए क्राइटेरिया भी तय किया गया है। जिन अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। उन्हें डिप्टी कलेक्टर का पदभार नहीं सौंपा जाएगा। बाकी 173 नायब तहसीलदार को तहसीलदार का प्रभार दिया जाएगा जबकि 220 सीनियर तहसीलदार को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर नियुक्त किया जाना है। 1999 से 2008 के बीच नायब तहसीलदार तहसीलदार के पद पर पदोन्नत हुए हैं, उन्हें डिप्टी कलेक्टर बनाया जाएगा।
नायब तहसीलदार बनेंगे कार्यवाहक तहसीलदार
1999 से 2008 के बीच एमपीपीएससी के जरिए नायब तहसीलदारों की भर्ती की गई थी। हालांकि उन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं दिया गया था। प्रमोशन के तौर पर उन्हें अब तक दो बार पदोन्नति दी चुकी है। सामान्य पदोन्नति से अब तक कर्मचारी ज्वाइंट कलेक्टर बन चुके होते लेकिन पदोन्नति रुकने की वजह से अब तक उन्हें डिप्टी कलेक्टर का भी प्रभार नहीं दिया गया है। तहसीलदार की कुर्सी खाली होने के बाद नायब तहसीलदार को कार्यवाहक तहसीलदार बनाने की प्रक्रिया की जा रही है। 173 नायब तहसीलदार को कार्यवाहक तहसीलदार बनाया जा सकता है। 25 फरवरी तक इस की लिस्ट जारी की जा सकती है।
राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार बनाने की प्रक्रिया जारी
इतना ही नहीं राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार बनाने की प्रक्रिया भी जारी है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। वहीं क्राइटेरिया भी तय किया जा चुका है। नायब तहसीलदार के कुल 1242 पद मंजूर किए गए हैं। जिनमें से 504 पद अभी भी रिक्त हैं। नई क्राइटेरिया के तहत ऐसे राजस्व निरीक्षक जिन्होंने पद पर 5 साल की सेवा पूरी कर ली हो, वह नायब तहसीलदार बनने के योग्य है। इसके अलावा 5 वर्ष यानी 2017 से 2021 तक के गोपनीय प्रतिवेदन होने आवश्यक है। समग्र मूल्यांकन का योग भी उनके लिए कम से कम 10 अंक होना अनिवार्य है। विभागीय जांच, अनुशासनात्मक कार्रवाई, लोकायुक्त में अन्य कोई केस या फिर दंड का प्रभाव समाप्त नहीं हुआ है वह इसके लिए पात्र नहीं होंगे।