इस सीट पर कांग्रेस के सामने दो लाख वोट पाटने की चुनौती, भितरघात का भी खतरा

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भोपाल। मध्य प्रदेश की खंंडवा सीट पर इस बार कांटे का मुकाबला है। इस सीट पर दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की साख दांव पर लगी है। चुनाव से पहले ही यहां का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। कांग्रेस के लिए निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह न मुश्किलें बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन पार्टी ने अंत में उन्हें मना लिया। यहां से कांग्रेस ने अरूण यादव को टिकट दिया है। उनका सामने बीजेपी के कद्दावर नेता नंदकुमार चौहान हैं। वह सातवीं बार सांसदी की रेस में शामिल हैं। जानकारों का कहना है कांग्रेस की राह इस बार काफी मुश्किल है। 

दरअसल,  ठाकुर सुरेंद्र सिंह खंडवा लोकसभा से अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे। लेकिन कांग्रेस ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव को ही उम्मीदवार बनाया है। जिसे लेकर सुरेंद्र सिंह काफी नाराज हो गए और उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने अपनी पत्नी जयश्री ठाकुर का नामांकन दाखिल करवा दिया था। जिसके बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया था। बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ की समझाइश के बाद उन्होंने पीछे हटने का फैसला किया। लेकिन स्थानीय स्तर पर वह पार्टी के प्रचार से दूरी बनाए हैं।  ठाकुर सुरेंद्र सिंह का आरोप है कि अरुण यादव की छवि जनता में लोकप्रिय नहीं है. सांसद रहते हुए उन्होंने जनता के लिए कुछ भी नहीं किया. इसलिए उनके खिलाफ मैदान में उन्हें अपनी पत्नी को उतारना पड़ा। 

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अरूण यादव के सामने बड़ी चुनौती है दो लाख वोटों को पाटने की। मोदी लहर में नंद कुमार चौहान यहां से दो लाख से अधिक वोटों से जीते थे। इस बार यादव ने पूरी ताकत झोंक दी है लेकिन जानकारों का कहना है कि यादव का वोट बैंक बीजेपी में खिसक चुका है। लेकिन इस बार वोटर शांत है। जिसकी वजह से बीजेपी धड़ा बले जीत का दावा कर रहा है लेकिन धड़कनें उनकी भी बढ़ी हैं। 


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