भोपाल। विधानसभा चुनाव से निपटने के बाद अब प्रेदश के दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा अपनी सरकार बनने का दावा पेश कर रहे हैं। सत्ता के सिंहासन पर इस बार कौन बैठेगा इसका फौसला को ईवीएम के पटल पर लिख गया है। लेकिन ख्याली पुलाव दोनों दलों में अभी से पकना शुरू हो गए हैं। भाजपा में तो एक नेता मुख्यमंत्री का ख्वाब पाले बैठे हैं तो वहीं कांग्रेस में अभी से कैबिनेट बनकर तैयार हो गई है। जानते हैं सियासी गलियारों की कहा सुनी।
नेता प्रतिपक्ष और सीएम को जीत का भरोसा
प्रदेश में इस बार रिकॉर्ड स्तर वोटिंग हुई। मत प्रतिसत बढ़ने से सियासी पंडितों के गणित भी बिगड़ गए। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विश्वास अभी भी अटल है। वह मान रहे हैं कि चौथी बार भी जनता उनको सत्ता की चाबी सौंपेगी। वहीं, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी कांग्रेस की जीत का दावा ठोक रहे हैं। लेकिन शिवराज के मंत्रियों को अपनी जीत पर भरोसा नहीं है। इसलिए उन्होंने अपना क्षेत्र प्रचार के दौरान नहीं छोड़ा। सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने मंत्रियों को उनके क्षेत्र से जुड़े जिलों में भी प्रचार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अपनी जमीन खिसकती देख कई मंत्री घर में ही रहे।
भाजपा नेता का मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब
चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को घोषित होंगे। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव से पहले ही सीएम चेहरे के लिए एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान को प्रजेक्ट किया है। लेकिन भाजपा के एक नेता ऐसे भी हैं जो खुद मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि जीत के बाद पार्टी उन्हें सीएम बनाने के लिए तैयार है। उन्हें पार्टी के हाईकमान से इस बारे में हरी झंडी भी मिल गई है। इसकी पीछे उनका तर्क है कि उन्होंने पार्टी के लिए बहुत काम किया है। और जीत दिलवाने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका भी रहेगी। इसलिए वह सीएम पद की दावेदारी कर रहे हैं।
कांग्रेस में कैबिनेट तैयार
इस बार सत्ता परिवर्तन के सपने देख रही कांग्रेस जीत से पहले ही कैबिनेट तैयार कर चुकी है। कांग्रेस के कई नेता मंत्री पद पाने के ख्वाब भी देख रहे हैं। हालांकि, अभी चुनाव परिणाम में दो हफ्ते हैं। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने अभी से अपने विभाग का आवंटन भी शुरू कर दिया है। इसमें राजधानी भोपाल से दो नेता ऐसे हैं जो गृह मंत्री बनने के लिए आतुर है। इससे हट कर जिन नेताओं के खुद को मंत्री पद के लिए लायक समझा है उनका भी अपना तर्क है। सूत्रों के मुताबिक जिन कांग्रेस नेताओं के प्रदेश में कॉलेज हैं वह शिक्षा मंत्री बनने की होड़ में है। और जो शराब का कारोबार कर रहे हैं उन्होंने राजस्व मंत्री बनने का सपना देख रहे है।