भोपाल। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की राजनीति बिना ताई और भाई के अधूरी मानी जाती है। बीजेपी ने इस बार यहां से लगातार आठ चुनाव जीत चुकीं वर्तमान सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन (ताई) का टिकट काट दिया है। उनकी यहां से ताई के करीबी शंकर लालवानी को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं, इस सीट पर कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी रेस में शामिल था। लेकिन पार्टी आलाकामान ने उन्हें टिकट नहीं दिया। हालांकि, खुद कैलाश भी यह बयान दे चुके थे कि उनपर बंगाल की जिम्मेदारी है इसलिए वह इंदौर से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है।
बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी पूर्व सरकार के दौरान बड़ाे पदों पर रहे हैं। लेकिन उनके चुनाव प्रचार से ताई और भाई दोनों ही फिलहाल दूर नजर आ रहे हैंं। चुनाव प्रचार में दोनों ही दिग्गजों की उपस्थिति कम रही है। जिससे इस बात की अटकलों फिर तेज हो गईं हैं कि टिकट कटने का नाराजगी साफ देखी जा सकती है। बीजेपी नेताओं की आपसी खींचतान के कारण कांग्रेस को चुटकी लेना का पूरा मौका मिल गया। कांग्रेस ने अमीर कारोबारी पंकज संघवी को मैदान में उतारा तो बीजेपी ने इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चैयरमैन शंकर लालवानी मौका दे दिया। ऐसे में सुमित्रा महाजन और कैलाश विजयवर्गीय दोनों ने मैदान छोड़ दिया। सुमित्रा महाजन जो टिकट से पहले सक्रिय दिखाई दे रहीं थी हर वार्ड में बैठके ले रहीं थी वो शहर से ही नदारद हो गईं। फिलहाल वो दिल्ली में हैं।
उधर कैलाश विजयवर्गीय ने भी वापस पश्चिम बंगाल का रूख कर लिया और वे तो यहां तक कह गए कि वो अब चुनाव बाद ही लौटेंगे। ऐसे में कांग्रेस को चुटकी लेने का मौका मिल गया कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि ताई ने बीजेपी के पौधे को सींचकर वटवृक्ष बनाया है इसलिए ताई का ये रुप आवश्यक भी था और जहां तक भाई की बात है उनके बारे में क्या कहें वो तो इंटरनेशनल नेता हैं।