आंगनबाड़ी में अंडे पर गर्माई सियासत, विरोध में उतरी BJP, कैलाश ने दी चुनौती

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भोपाल।

कुपोषण दूर करने के लिए राज्य सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडा परोसने की तैयारी कर रही है, लेकिन इसके पहले बीजेपी ने विरोध करना शुरु दिया है।नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का बड़ा बयान सामने आया है।उन्होंने कमलनाथ सरकार के इस फैसले को गलत बताया है। भार्गव का कहना है कि कमलनाथ प्रदेश की जनता के साथ पाप कर रहे हैं। हमारी संस्कृति सनातन संस्कृति है इसमें मसांहार निषेध है। अगर हम बचपन से ही बच्चों मेंं तामसी प्रवृत्ति डाल देंगे तो आगे जाकर वह नरभक्षि न हो जाएं। 

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि बच्चों को पौष्टिक आहार देने के और भी कई तरीके हैं। आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के लिए अंडे देने का विचार कई बार आ चुका है। बीजेपी की सरकार के समय जब मैं मंत्री था, तब भी बच्चों को आंगनबाड़ियों में अंडे देने की बात सामने आई थी। लेकिन हमारी संस्कृति हमें शाकाहार का सेवन करने की दिशा प्रदान करती है। क्योंकि अंडा मांस का ही एक रूप है इसलिए हमने इसकी अनुमति नहीं दी थी।उन्होंने कहा, कुपोषित सरकार से इससे ज्यादा और क्या उम्मीद की जा सकती है। बच्चों को अंडा खिलाएगी जो नहीं खाता उन्हें जबरन खिलाए। अंडे पोषण नहीं मिलेगी तो बकरे खिलाएगी।

इससे पहले इस मुद्दे को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य सरकार को चुनौती दी है। विजयवर्गीय का कहा है कि बीजेपी किसी भी सूरत में बच्चों को मांसाहारी नहीं होने देंगी। धर्म के साथ और लोगों की आस्था से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए

गौरतलब है कि प्रदेश में करीब एक लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र है। इन केंद्रों में अस्सी लाख से ज्यादा बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है। पोषक तत्वों के लिए राज्य सरकार 5 हजार करोड रुपये का बजट विभाग को जारी करता है, जिसमें से 1517 करोड रूपये आहार पर खर्च किया जाता है। अंडे खिलाने की योजना से 80-90 करोड़ का बजट और बढ़ेगा मगर सरकार इस कदम को आगे बढाने जा रही है।


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