भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा में जीत से कुछ सीट दूर रही बीजेपी अब लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। पार्टी को गुटबाजी और अंतरकलाह का डर सता रहा है। विधानसभा चुनाव में कुछ सांसदों का साथ नहीं मिलने के कारण बीजेपी को कई सीटों गंवानी पड़ी थी। अब बाजी पलट गई है। लोकसभा चुनाव में पार्टी ने विधायकों को उनकी सीट पर जीत की जिम्मेजारी सौंपी है।
दरअसल, पार्टी ने विधायकों से साफ कह दिया है कि संगठन ने पिछले चुनाव में कई दावेदार���ं की उपेक्षा कर उन्हें टिकट दिया। अब विधायक बने हैं तो लोकसभा में अपनी सीट से पार्टी को जिताएं। भाजपा के सामने कई स्थानों पर विधायक व सांसद पद के दावेदारों में चल रही वर्चस्व की लड़ाई भी बड़ी चुनौती है। विधानसभा चुनाव के दौरान सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल, चिंतामणि मालवीय रीती पाठक की शाकयतें आई थीं। विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों ने आरोप लगाए थे कि उन्हें सांसदों का सहयोग नहीं मिला है।
पार्टी को आशंका है विधायकों का नाराजगी लोगसभा चुनाव में संगठन पर भारी पड़ सकता ही है। इसी से निपटने के लिए पार्टी ने विधायकों को अपनी सीट जिताने का जिम्मा सौंपा है। जिससे विधायक लोकसभा चुनाव के दौरान अपने क्षेत्र में पार्टी प्रचार में व्यस्त रहें जिससे पार्टी को जीत मिलने में कामयाबी मिल सके।