भोपाल।
मध्य प्रदेश के जबलपुर मे कर्ज और फसल नुकसान से परेशान होकर एक किसान ने जहर पी लिया।किसान को आनन-फानन में अस्पताल भर्ती करवाया गया है जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।किसान का आरोप है कि उस पर दो लाख का कर्ज है लेकिन इतने महिने बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कर्जमाफी नही मिली है, जिसके चलते उसने ये कदम उठा लिया।लोकसभा चुनाव से पहले हुए इस वाक्ये ने सियासत को गर्मा दिया है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बीजेपी हमलावर और कांग्रेस की जमकर घेराबंदी कर रही है। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला है और कर्जमाफी के नाम पर किसानों से छलावे के आरोप लगाए।
राकेश सिंह ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ छलावा किया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के राज्य में कर्ज़ के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों की तरफ देखने वाला कोई नहीं। आज किसानों की फसलें खरीदने वाला कोई नहीं है। सरकार ने खरीदी बंद की। किसान प्याज सड़कों पर फेंक रहा है। धान का उचित मूल्य किसानों को नहीं मिला रहा।लोकसभा चुनाव से पहले किसान द्वारा उठाए गए इस कदम से सियासत में भूचाल आ गया है। बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर कांग्रेस की घेराबंदी करने में जुट गई है। हालांकि कर्जमाफी का मुद्दा तो बीजेपी पहले से ही भुनाने में लगी हुई और अब किसान आत्महत्या को भी आधार बनाकर कांग्रेस का घेराव करने में लग गई है। लोकसभा चुनाव से पहले कर्जमाफी का ये मुद्दा कांग्रेस को भारी पडने वालाहै। इस बचना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
दरअसल, न्यू भेड़ाघाट के पास इमलिया गाँव मे रहने वाले 45 वर्षीय किसान ने आज बुधवार को कर्ज माफ न होने से परेशान होकर जहर पी लिया ,जिसके बाद किसान को इलाज के लिए गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। किसान का नाम भूपत पटेल बताया जा रहा है जिसकी चार एकड़ जमीन बरगी हिनोता के पास है। भूपत पटेल खेती किसानी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। किसान ने खेत मे इस साल चने की फसल लगाई थी पर बीते दिन अचानक हुई बारिश और ओले से उसकी फसल खराब हो गई जिसे देखते ही किसान ने खेत मे ही जहर पी लिया। आनन फानन में साथी किसानों ने उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। किसान भूपत ने बताया कि उसके ऊपर दो लाख का कर्ज था पर सरकार की तरफ से आज तक माफ नही हुआ। इतना ही नही मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान से भी उसे इलाज के लिए मदद नही मिल रही है। किसान भूपत की माने तो बीते दिनों अचानक हुई बारिश से भी उसकी फसल खराब हो गई थी जिसे देखकर वो सदमे में आ गया और खेत पर ही जहर पीकर आत्महत्या करने की ठान ली। फिलहाल किसान की हालत अभी खतरे से बाहर बताई जा रही है।
इधर, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी किसानों को लेकर उठाए सवाल
इधर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी सवाल उठाए है।तन्खा ने किसानों की समस्या को लेकर ट्वीट कर सरकारी अमले पर निशाना साधा है।तन्खा ने लिखा है कि मध्य प्रदेश के कई जिलो में किसान परेशान हो रहा है। उपज का टोकन प्राप्त होने के बावजूद उपज जो सरकारी एजेन्सी के पास जमा है पोर्टल में नहीं चढ़ाई जा रही है। केंद्र सरकार की वित्तीय रोक एवं इलेक्शन कमिशन की रूल्ज़ की बात की जा रही है। ये किसान भाइयों का हक़ का हनन है।किसानों का हक मारा जा रहा है।