भोपाल।
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद और बीजेपी द्वारा सरकार गिराने के दावों के बीच बसपा ने कमलनाथ सरकार को बड़ी राहत दी है।बसपा ने सरकार को अपना बाहरी समर्थन जारी रखने की घोषणा की है।बता दे कि लोकसभा चुनाव के बीच गुना में बसपा उम्मीदवार को कांग्रेस द्वारा तोड़ लिए जाने के बाद मायावती ने समर्थन जारी रखने पर पुनर्विचार की धमकी दी थी, लेकिन गुरुवार को उन्होंने समर्थन देने का ऐलान किया है।वही मायावती ने आगामी रणनीति बनाने के लिए एक जून को पार्टी के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों व दोनों विधायकों को दिल्ली तलब किया है।
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दरअसल,गुरुवार को एक प्रेसवार्ता कर बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर यह जानकारी बसपा प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम और प्रदेश अध्यक्ष डीपी चौधरी ने दी है। बीएसपी उपाध्यक्ष रामजी गौतम ने कहा कि हमने सांप्रदायिक और जातिवादी ताकतों को रोकने के लिए कांग्रेस सरकार को अपना बाहरी समर्थन दिया है और प्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने के लिए बसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्तर से निर्णय लिया गया है।
रामजी गौतम ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने की समीक्षा की जा रही है। तीन दिन से जोन और प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा जिला स्तर से भी हमने फीडबैक लिया है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक जून को दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा होगी।इसमें मध्यप्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों व दोनों विधायकों को दिल्ली तलब किया है।इसमें हार के मुख्य बिंदुओं को तलाश कर रिपोर्ट मायावती के सामने रखी जाएगी।
बसपा विधायक के मंत्रिमंडल में शामिल होने के सवाल पर रामजी गौतम ने कहा हमारी पहली प्राथमिकता सरकार को बाहर से समर्थन देना है। न कि मंत्रिमंडल में शामिल होना। हमारी पार्टी के सुप्रीमो का स्पष्ट रुख मध्यप्रदेश में सरकार को बाहर से समर्थन देना है और सरकार में किसी मंत्री या अन्य पद को स्वीकार नहीं करना है। बता दें कि बसपा के दो विधायक, भिंड से संजू कुशवा�� और पथरिया से रामबाई, एक सपा विधायक और चार निर्दलीय विधायक कमलनाथ सरकार का समर्थन करने वाले सात विधायकों में से हैं।