दुधमुंहे बच्चों के साथ पहुंचीं महिलाएं, किया सीएए-एनआरसी का विरोध

भोपाल। राजधानी का इकबाल मैदान शनिवार को फिर बड़े सत्याग्रह स्थल के रूप में तब्दील हुआ। बड़ी तादाद में महिलाओं की मौजूदगी में सीएस और एनआरसी का विरोध किया गया। हिन्दू-मुस्लिम एकता से भरे इस पांडाल में रेखांकित करने वाली बात यह भी थी कि इसमें अधिकांश महिलाएं अपने दुधमुंहे बच्चों को भी साथ लेकर आई थीं। सिरों पर काली पट्टी बांधे महिलाएं और उनके सुर में सुर मिलाते बच्चे भी नारों से माहौल को गुंजायमान कर रही थीं। देर दोपहर कार्यक्रम में मध्य विधायक आरिफ मसूद ने भी शिरकत की। इस दौरान उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार को जमकर लताड़ते हुए नारा बुलंद किया कि रंगा-बिल्ला के काले मंसूबे कभी पूरे नहीं हो पाएंगे।

सीएए-एनआरसी को लेकर देशभर में जारी आंदोलन और विरोध के बीच राजधानी के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने शनिवार को देशभर के कॉलेज कैम्पस में हो रही हिंसा और पुलिस के दमनचक्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बड़ी तादाद में मौजूद छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की और केन्द्र सरकार के तुगलकी निर्णयों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने जेएनयू, जामिया, एएमयू आदि विश्वविद्यालयों में हो रही पुलिस ज्यातदियों के खिलाफ केन्द्र सरकार को ललकारा। उन्होंने कहा कि सरकार स्टुडेंट्स पॉवर से टक्कर न ले, उसे पिछले इतिहास की तरफ नजर उठाकर देख लेना चाहिए, विद्यार्थियों ने देश की सत्ता बनाने और ढ़हाने में अपनी ताकत को कई बार साबित किया है। जन गण मन से लेकर सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा जैसे गीतों से सजते रहे इस मंच पर कई छात्राओं और छोटी स्कूली बच्चियों ने ओजस्वी तकरीरें भी कीं। इस दौरान उन्होंने देश में लागू किए जाने वाले सीएए और एनआरसी से होने वाले नुकसान को देश के लिए बड़ी परेशानी बताया। उन्होंने कहा कि इस काले कानून से महज कोई एक कौम, समाज, धर्म या सम्प्रदाय प्रभावित नहीं हो रहा,बल्कि देश का हर नागरिक मुसीबत की कतार में खड़ा हो रहा है। स्टुडेंट पॉवर ने आवाज बुलंद की कि कानून संशोधन वापस लेने के निर्णय तक विद्यार्थी विरोध के स्वर बुलंद करते रहेंगे।


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