भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| राजधानी के मिंटो हाल (Minto Hall) में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने ‘एनर्जी स्वराज यात्रा’ को हरी झंडी दिखाई, कार्यक्रम में प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग (Hardeep Singh Dang) और डॉ. चेतन सोलंकी (Dr. Chetan Solanki) भी उपस्थित रहेंगे। यह यात्रा देश के 28 राज्यों का सफर तय करेगी। यात्रा में 5 हज़ार से अधिक वार्ताएं और एक हजार से अधिक प्रदर्शनी रहेगी। यात्र के दौरान एक लाख लोगों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा, साथ ही इस दौरान एक लाख पौधे भी रोप जाएंगे। यह यात्रा वर्ष 2020 से 2030 तक चलेगी।
2050 के प्रथवी का तापमान 2 डिग्री बढ़ जाएगा
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथ्वी एक ही है, हम दूसरी नहीं ला सकते। उन्होंने कहा अगर इस धरती को बचाना है तो पर्यावरण को बचाना ही पड़ेगा। धरती की सतह का तापमान यह अंदाज है की 2050 तक तापमान 2 डिग्री सेंटीग्रेड और बढ़ जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक कह रहे हैं की ग्लेशियर पिघलेंगे, बर्फ के पहाड़ का पानी पिघल कर समुद्र में जाएगा, समुद्र सीमाएं तोड़ेगा और मर्यादाएं तोड़ेगा, कई धरती के हिस्से डूब में आ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा दूसरा खतरा बिगड़ते हुए पर्यावरण के कारण आज मानव जीवन ही नहीं बल्कि प्राणी मात्र के जीवन पर भी संकट पैदा हो गया है।
सवाल धरती के अस्तित्व का है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सोचना होगा कि हम कैसी धरती चाहते हैं। धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए उपयोगी बनाना होगा, और इसमें हम सभी को भागीदार बनना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल केवल सौर ऊर्जा का नहीं है सवाल धरती के अस्तित्व का है, और अगर उस अस्तित्व को बचाना है तो कार्बन उत्सर्जन को कैसे कम करें इस पर सोचना होगा। ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों का कैसे उपयोग करें यह अत्यंत आवश्यक हो गया है। सूर्य जगत की आत्मा है और उनसे जो एनर्जी मिलेगी वह क्लीन एनर्जी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोलर एनर्जी को लेकर कहा था कि सोलर एनर्जी प्योर और सिक्योर एनर्जी है, इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इस रास्ते पर चलना होगा।
टैक्नोलॉजी जैसे आगे बढ़ेगी सौर ऊर्जा की दर घटेगी
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि हमने नदी नवकर्णी ऊर्जा विभाग बहुत पहले 2010 में बनाया, क्योंकि ऊर्जा के बिना हमारा काम नहीं चल सकता। लेकिन ऊर्जा ऐसी हो जो प्योर हो। मुख्यमंत्री ने कहा जब हमने पहले सौर ऊर्जा का इस्तेमाल शुरू किया था तब वह बहुत महंगी थी 14 से 16 रुपए प्रति यूनिट उसकी कॉस्ट आती थी, जो अब घटकर 3 रुपए प्रति यूनिट पर आ गई है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे आती जाएगी इस की दरें और कम होती जाएगी, तो फिर क्यों हम धरती का सीना चीर कर कोयला निकाले जब अच्छा ऊर्जा का भंडार हमारे पास है। उन्होंने कहा कि, इसलिए हमने पहले नीमच जिले में 135 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाया, फिर रीवा में साडे 700 मेगा वाट का सोलर पावर प्लांट लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 तक हम इसे 5000 मेगावाट तक लेकर जाएंगे।
डॉ. चेतन सिंह सोलंकी मध्य प्रदेश के ब्रांड एंबेसडर घोषित
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार एक प्रयोग करने जा रही है जिसमें पानी की सतह पर सोलर पैनल बिछाया जाएगा, इसके लिए ओम्कारेश्वर बांध को चुना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पानी की बचत भी होगी, पानी उड़कर भाप नहीं बनेगा और सोलर पैनल से ऊर्जा बनाकर जनता को समर्पित कर देंगे। उन्होंने कहा कि आगे जितने ऐसे प्रयास हो सकते हैं सारे प्रयास पूरी गंभीरता के साथ किए जाएंगे। वही मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में घोषणा करते हुए सोलर एनर्जी के मामले में डॉ. चेतन सिंह सोलंकी मध्य प्रदेश के ब्रांड एंबेसडर घोषित किया।