भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने पर अब बाल आयोग सख्त नजर आ रहा है। मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने इस संबंध में मंगलवार को डीजीपी को एक पत्र लिखा है। पत्र में बाल आयोग ने डीजीपी और प्रशासन से ऐसे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है, जो दुष्कर्म पीड़िता और उनके परिवार की पहचान उजागर करते हैं।
आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने कहा है कि पीड़िता का नाम, पिता का नाम, पता, घटनास्थल, संस्थान का नाम, पीड़िता के किसी भी परिजन की कोई जानकारी उजागर करने वालों के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। लोग बिना सोचे-समझे ही सोशल मीडिया में इस तरह की जानकारी वायरल करने लगे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में जे जे एक्ट 2016 की धारा 74 और सायबर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
इसी के साथ बाल आयोग ने राजनीतिक दलों के सदस्यों के खिलाफ भी सख्त रवैया अपनाया है। बाल आयोग का कहना है कि राजनैतिक लोग जब दुष्कर्म पीड़िता से मिलने उसके घर जाते हैं तो उस दौरान उनके साथ बहुत सारे लोग होते हैं। इस वजह से पीड़ित और उसके परिवार के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर आ जाती हैं और उसकी पहचान उजागर हो जाती है, जो बिल्कुल सही नही है। इसलिये राजनीतिक लोगों के पीड़िता के परिवार से मिलने के दौरान मोबाइल फोन ओर वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगना चाहिये।