कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस: CM बोले, जिला स्तर पर ही हो लोगों के काम भोपाल न आना पड़े

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भोपाल| मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में वल्लभ भवन मंत्रालय में आज कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस हुई|  बैठक में मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था, कर्जमाफी और अन्य मुद्दों पर चर्चा के साथ योजनाओं पर फीडबैक लिया| सीएम ने अधिकारियों को निर्देश कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। जिला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों का संयुक्त दायित्व होता है कि कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति को पहले भांप लें और जरूरी कार्रवाई करें| कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव एसआर मोहंती समेत कई विभागों के प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव और सचिव भी मौजूद रहे।

युवा स्वाभिमान योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा सीएम मेरी चिंता है कि युवा स्वाभिमान योजना से अधिक से अधिक युवा लाभाविन्त हो। मैं चाहूंगा कि कलेक्टर्स व्यक्तिगत रूचि लेकर युवा बेरोजगारों से संवाद करें और उनकी काउंसलिंग करें। साथ ही उन्हें योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित करें| सीएम ने अधिकारियों से कहा हमारा संविधान हमें समाज के निचले तबके को सशक्त करने और गरीबों व वंचितों को न्याय दिलाने के लिए प्रेरित करता है। कलेक्टर्स से मेरा आग्रह है कि जरूरतमंद और गरीब लोगों की चिंता मेरी तरफ से आप करें। सीएम ने निर्देश दिए कि जनसुनवाई, लोकसेवा गारंटी, सीएम हेल्पलाइन और समाधान एक दिन की व्यवस्थाएं सुदृढ़ हों।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों से कहा कि, संभाग और जिला स्तर पर आप सरकार का चेहरा हैं। गरीबों और वंचितों को उनका अधिकार मिले, उनके काम आसानी से हों इस पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करें।  हम सुशासन को जिलास्तर पर दोबारा लेकर गये हैं। कलेक्टर्स यह सुनिश्तिच करें कि आमजन का कार्य जिलास्तर पर ही हो। लोगों को भोपाल या मंत्रालय न आना पड़े। हमने कलेक्टर्स को सशक्त किया है और आगे भी करेंगे। बताया जा रहा है कि इस कॉन्फ्रेंस में जय किसान फसल ऋण माफी योजना, ग्रीष्म ऋतु में पेयजल प्रबंध, प्रोजेक्ट गौ-शाला, स्व-रोजगार योजनाओं की समीक्षा, राजस्व प्रकरणों की समीक्षा, बिजली बिलों को ठीक करने, कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और आगामी बोर्ड परीक्षाओं जैसी प्राथमिकताओं के संबंध में चर्चा की गई|  


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