CM शिवराज ने किया हर गांव में सोशल अभियान चलाने का आह्वान

Published on -
शिवराज सरकार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार सुबह बड़वानी और राजगढ़ जिले की बैठक ली,  बैठक में वर्चुअल स्थानीय विधायकों जनप्रतिनिधियों सहित प्रभारी मंत्री मोहन यादव और हरदीप सिंह डंग जुड़े, यही बड़वानी से राज्य सरकार के मंत्री प्रेम सिंह पटेल भी बैठक से जुड़े, सुबह हुई इस बैठक में सीएम शिवराज ने योजनाओं की समीक्षा तो की इसके साथ उन्होंने बैठक में जुड़े जनप्रतिनिधियों के साथ ही समाज को बड़ा संदेश देते हुए आपसी सद्भाव और भाईचारा बनाये रखने की अपील की, सीएम ने कहा कि समाज को तोड़ने वालों, समुदायों के बीच खाई उत्पन्न करने वालों को विफल करें। सभी धर्मों और जातियों के लोग हमारे भाई हैं, इनमें किसी प्रकार का भेद नहीं है। कुछ असामाजिक तत्व हैं, जो भ्रम फैला कर समाज को बाँटते हैं, इन्हे पहचाने और इनसे सतर्क रहे, इनके बहकावे में न आए और न किसी को आने दे, दलित गैर दलित क्यों हो, दलित भी अपने भाई है और गैर दलित भी अपने।

यह भी पढ़ें… मध्य प्रदेश : उच्च शिक्षा विभाग ने 272 कॉलेजों को ई-प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया, कुल संख्या हुई 1272 

हाल ही में मध्यप्रदेश के अलग अलग जिलों में हुई दंगे की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि देखो अपन तो आएंगे और जाएंगे लेकिन समाज तो यही रहने वाला है पर इसमें अगर खाइ पैदा हो गई तो वह समाज के लिए घातक है। मेरा केवल इतना कहना है कि एक सोशल अभियान चलना चाहिए और गांव गांव मे जहा ऐसी चीजें होती हैं, बैठकें हो जाना चाहिए ताकि इस तरह का माहौल न बने, उकसाने वाली भी चीजें नहीं होनी चाहिए। प्रशासन, जनप्रतिनिधि आपसी सद्भव बनाने दोनों पक्षों के साथ बैठकें करें, समझाएं। अन्याय ना हो यह हमारी ड्यूटी है लेकिन वैसी परिस्थिति भी ना बने जिससे समाज में खाईयां पैदा हो। इसलिए पुलिस के साथ-साथ ऐसे गांव में, मैं विधायक साथियों से भी कहूंगा सांसद जी से भी आग्रह करूंगा, आप समाज की बैठक करें।

राहुल गांधी न राम के हुए न राष्ट्र के : डॉ नरोत्तम मिश्रा

बैठक करके लोगों को समझाएं कि इसमें कोई फायदा नहीं, इस पक्ष में मेरा इतना ही कहना है कि, एक सोशल अभियान चलाना चाहिए। जहां गांव गांव में ऐसी चीजें होती हैं वहां बैठके हो जानी चाहिए। ताकि इस तरह का माहौल न बने। किसी ने पोस्ट डाल दी मैं आ रहा हूं बैठूंगा तो कोई तैयार हो गए कि, कैसे बैठना है तो यह नहीं होना चाहिए दोनो तरह की चीजें है कुछ उकसाने वाली चीजें भी होती है तो उकसाने वाली चीजें भी नहीं होनी चाहिए अगर कोई बैठ रहा है तो, अन्याय नहीं होना चाहिए। आप समझना थोड़ी सी बात की कदर हो जायेगी तो लोग समझ जाएंगे तो मुझे लगता है कि, इस तरह की घटना बंद हो जाएंगी यह हम सभी का दलगत राजनीति से उठकर समाज को एक रस रखने का हमारा प्रयास है। जमाना कितना अलग दौर में पहुंच गया है नहीं तो इस तरह की खाईयां अपने समाज को तोड़ेगी।अपन तो आएंगे जाएंगे लेकिन समाज को तो यही रहना है। परमानेंट खाईयां अगर पैदा हो गई तो समाज के लिए वह घातक है।

 


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News