एक्शन में सीएम शिवराज, MP में बदलेगा 147 साल पुराना जुआ एक्ट, कट्टरता का पाठ पढ़ाने वाले मदरसे, संस्थानों की होगी निगरानी

Atul Saxena
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 CM Shivraj reviewed the law and order situation of MP : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने निवास पर आयोजित कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में कई कड़े निर्देश दिए, बैठक में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी सुधीर सक्सेना, एसीएस डॉ. राजेश राजौरा मौजूद थे जबकि आईजी, डीआईजी, एसपी आदि वीसी के माध्यम से वर्चुअली जुड़े थे।

1876 का जुआ अधिनियम बदलेगा 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऑनलाइन गैंबलिंग बड़ी समस्या है। मध्यप्रदेश में वर्तमान जुआ अधिनियम 1876 का है, इसमें ऑनलाइन गैंबलिंग के विरूद्ध कोई प्रावधान नहीं है। हमने फैसला किया है कि वर्तमान जुआ अधिनियम के स्थान पर मध्य प्रदेश जुआ अधिनियम 2023 बनाया जाएगा।नए अधिनियम में ऑनलाइन गैंबलिंग के खिलाफ पर्याप्त प्रावधान सम्मिलित किए जाएंगे, ताकि ऐसे अपराधियों को भी हम दंडित कर सकें

चिटफंड के खिलाफ सेल होगी गठित, ADGP करेंगे निगरानी 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी है। चिटफंड कंपनियों पर प्रभावी कार्रवाई और इन्वेस्टर को पैसे वापस लौटाने की कार्रवाई की निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय में एडीजी की अध्यक्षता में विशेष सेल का गठन किया जा रहा है, ताकि इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो और जिन्होंने पैसा लगाया है उनका पैसा वापस दिलाया जा सके

कट्टरता का पाठ पढ़ाने वाले मदरसे, संस्थान बर्दाश्त नहीं होंगे 

प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में अवैध मदरसे, संस्थान, जहाँ कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है, उसका रिव्यू किया जायेगा। कट्टरता और अतिवाद बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मध्य प्रदेश शांति का टापू है और इसकी शांति भंग करने नहीं दी जाएगी

अधिकारियों को ये विशेष निर्देश भी दिए 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शराब दुकानों के पास वाले अहाते तो बंद हो गए लेकिन इस बात पर निगरानी रखें कि कोई सड़क पर शराब तो नहीं पी रहा , ऐसा करने वालों पर सख्त एक्शन लें, कहीं भी अवैध शराब नहीं बिके ऐसे लोगों को नहीं बख्शें, उन्होंने कहा कि रेत का अवैध खनन या अन्य कोई गैरकानूनी काम, माफिया मप्र में पनपने नहीं देना है

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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