सीएम शिवराज ने बताया- किसके साथ मनाएंगे Diwali, गोवर्धन पूजा पर कही बड़ी बात

Atul Saxena
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दिवाली का पर्व आज धनतेरस के साथ ही शुरू हो गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को शुभकामनायें देते हुए बताया है कि वे किसके साथ दिवाली मनाएंगे। शिवराज ने गोवर्धन पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि गोवर्धन पूजा का अर्थ पर्यावरण की रक्षा है और आज वह बहुत प्रासंगिक हो गई है। इसलिए अगर पूजा करना है, तो गोवर्धन पूजा करो और वही परंपरा आज तक भारत में जारी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि वे कल चौदस के दिन 23 अक्टूबर को उन बेटे बेटियों, भांजे भांजियों के साथ मनाएंगे जो अपने माता पिता को कोविड में खो चुके हैं।  कार्यक्रम सीएम आवास पर होगा। शिवराज ने कहा कि ऐसे बच्चों के साथ खुशियां बांटना मुझे भी ख़ुशी देगा।

ये भी पढ़ें – भ्रष्ट अफसर पर लोकायुक्त का शिकंजा, 40,000 रुपये की रिश्वत लेते सहकारिता इंस्पेक्टर गिरफ्तार

मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जो बच्चे भोपाल और आसपास के हैं उनके साथ मैं यहाँ आवास पर दीपावली मनाऊंगा लेकिन जो दूसरे जिलों के बच्चे हैं उन जिलों के कलेक्टर्स को निर्देश दे रहा हूँ कि वे ऐसे बच्चों के साथ कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें गिफ्ट आदि भेंट करें।

ये भी पढ़ें – दिवाली से पहले इन राज्यों ने कर्मचारियों को दिया तोहफा, DA बढ़ाया, बोनस-एरियर का भी लाभ, सैलरी में बंपर उछाल

मुख्यमंत्री ने गोवर्धन पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि गोवर्धन पूजा सही अर्थों में पर्यावरण की पूजा है, प्रकृति की पूजा है और इसका प्रारंभ भगवान श्री कृष्ण ने किया था। बृजवासियों से उन्होंने कहा था कि गोवर्धन पर्वत जो गऊओं को घास देता है, जिसके पेड़ों में लगे हुए फल का भी उपयोग किया जाता है और जिसके जंगल लोगों को जीवन देते हैं। इसलिए अगर पूजा करना है, तो गोवर्धन पूजा करो और वही परंपरा आज तक भारत में जारी है। गोवर्धन पूजा का अर्थ पर्यावरण की रक्षा और आज वह बहुत प्रासंगिक हो गई है।

ये भी पढ़ें – Honda के Diwali ऑफर का फायदा उठाइये, बिना डाउन पेमेंट दिए घर ले जाइये Activa , कैशबैक ऑफर भी

सीएम ने कहा कि इसलिए गोवर्धन पूजा का पर्व हम सार्वजनिक रूप से मनाएंगे और पर्यावरणविदों, पर्यावरण प्रेमियों के साथ मनायेंगे, क्योंकि प्रकृति पूजा ही धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित छोड़ सकती है, इसलिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News