आशा कार्यकर्ताओं को सीएम शिवराज का बड़ा तोहफा, मानदेय बढ़कर 6000 रुपये हुआ, बिना किसी गंभीर कारण के नहीं जाएगी नौकरी 

Atul Saxena
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MP  News : सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए आज बड़ी घोषणा की, उन्होंने ना सिर्फ़ आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने के निर्देश दिए बल्कि उनको सेवा से प्रथक किये जाने के नियम में भी बदलाव की घोषणा की। सीएम शिवराज ने रिटायर्मेंट उम्र को बढ़ाने की भी घोषणा कार्यक्रम में की।

सीएम शिवराज ने आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के योगदान को सराहा 

आश,  ऊषा  कार्यकर्ताओं के सम्मलेन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण को दूर करना हो या फिर स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कोई समस्या या फिर सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन, उनका प्रचार प्रसार सभी में आशा और ऊषा कार्यकर्ता शामिल रहती हैं , इन बहनों में कोविड काल में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा की है।

मानदेय बढ़ाकर 6000 करने के मंच से दिए निर्देश 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी बहन आपको एक तो मिलता है इंसेंटिव और दूसरा मानदेय जो 2 हजार रुपये हमने प्रारंभ किया था, मै जानता हूं कि जिस स्तर का आपका काम है,  अब लगभग पूरा समय हमारा जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए गुजरता है इसलिए 2 हजार रु का मानदेय काफी कम है। इसको बढ़ाकर मैं 6 हजार करने का निर्देश देता हूं। सीएम ने कहा कि आशा के वेतन भुगतान और सत्यापन आशा डायरी के आधार पर सहयोगियों के सत्यापन के उपरांत तत्काल ब्लॉक के स्तर पर ही कर दिया जाए। इसकी कोई न कोई समय सीमा निश्चित की जाए।

बिना किसी गंभीर कारण से नौकरी से हटाये जाने पर लगाया प्रतिबंध 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो रूटीन के काम है कई बार उनमें भी कोई कमी ना होने पर भी कई आशा बहनें सेवा से पृथक कर दी जाती हैं। इसलिए मैं ये निर्देश दे रहा हूं कि बिना किसी गंभीर कारण के ये बहनें सेवा से पृथक नहीं की जाएंगी। उन्होंने आशा बहनें और पर्यवेक्षकों  सेवानिवृत्ति आयु 60 साल से बढ़ाकर  62 साल करने की भी घोषणा की ताकि वह स्वस्थ रहकर और बेहतर काम कर सके। सीएम ने कहा कि आशा और आशा पर्यवेक्षक बहनों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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