कमलनाथ सरकार को कम्प्यूटर बाबा की चेतावनी – धर्म से नहीं चली तो कान पकड़कर उतार देंगे

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भोपाल।

विधानसभा चुनाव के दौरान शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा ने अब प्रदेश की कमलनाथ सरकार को धमकाना शुरु कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले बाबा ने सरकार को खुली चेतावनी दी है कि अगर कांग्रेस सरकार धर्म से नहीं चली तो कान पकड़कर इसे भी उतार देंगे। जबकी दो दिन पहले ही कमलनाथ सरकार द्वारा बाबा को नर्मदा न्यास का अध्यक्ष बनाया गया है। बाबा के इस रवैया के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया है।

दरअसल, शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले चर्चित कंप्यूटर बाबा को हाल ही में प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा मां नर्मदा, मां क्षिप्रा एवं मां मंदाकिनी नदी ट्र्स्ट का अध्यक्ष नियुक्त किया है।अभी बाबा की नियुक्ति को हफ्ता भी नही बीता है और उन्होंने सरकार को धमकाना शुरु कर दिया। सोमवार को न्याय का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद बाबा होशंगाबाद के नर्मदा पूजन के लिए सेठानी घाट पहुंचे थे।जहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान  उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमने नर्मदा के मुद्दे पर शिवराज सरकार का साथ दिया था, लेकिन वो सरकार अवैध खनन नहीं रोक पाई, इसलिए ऐसी धर्म विरोधी सरकार से हमने इस्तीफा दे दिया। अब अगर यही हाल कमलनाथ सरकार का रहा तो उसे भी हम कान पकड़कर सत्ता से बाहर कर देंगे। मैं नर्मदा में अवैध खनन नहीं होने दूंगा।

बाबा की नियुक्ति को लेकर उठे थे सवाल

 लोकसभा चुनाव से पहले साधु-संतों को साधने के लिए कमलनाथ सरकार ने आचार संहिता लगने से ठीक पहले कंप्यूटर बाबा को नर्मदा क्षिप्रा मंदाकिनी नदी न्यास का अध्यक्ष नियुक्ति किया है।  नियुक्ति का जो आदेश जारी किया गया वो 8 मार्च 2019 के बजाए 2018 की तारीख से जारी हो गया, हालांकि बाद में शासन की ओर से इस गलती को सुधारते हुए संशोधत आदेश जारी किया गया।लेकिन इस नियुक्ति को लेकर अब सवाल उठना शुरु हो गए है, बीजेपी जमकर हमलावर हो चली है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज तक ने ट्वीट कर इस नियुक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए है।

शिवराज सरकार मे मिला था राज्यमंत्री का दर्जा

प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार ने स्वामी नामदेव त्यागी को 3 अप्रैल 2018 को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाते हुए 1 अक्टूबर 2018 को इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के लिए प्रचार भी किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथग्रहण समारोह में वे मंच पर भी नजर आए थे। 

अखाड़े से भी निष्कासित हो चुके है बाबा

पिछले साल दिसंबर में वैष्णव सम्प्रदाय के दिगंबर अनी अखाड़े ने कम्प्यूटर बाबा को निष्कासित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि साधु-संतों के 13 अखाड़ों की शीर्ष संस्था भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह प्रयागराज (इलाहाबाद) में आगामी 15 जनवरी से लगने वाले कुंभ मेले से पहले नया अखाड़ा बनाने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि बाद में अखाड़ा परिषद ने फैसला पलटते हुए उनका निष्कासन वापस ले लिया था। 

कौन हैं कंप्यूटर बाबा 

इंदौर के दिगंबर अखाड़े से ताल्लुक रखने वाले 53 वर्षीय कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव त्यागी है। वह दावा करते हैं कि उनका दिमाग कंप्यूटर जैसा है और तेज याद्दाश्त है, इसलिए उन्हें कंप्यूटर बाबा के नाम से जाना जाता है। वह हमेशा लैपटॉप अपने साथ रखते हैं। इंदौर के गोमट गिरी में उनका आश्रम स्थित है। 


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