योग्य हाथों में सौंपने की बजाय ‘ताई’ ने चाबी लावारिस फेंकी : कांग्रेस

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भोपाल। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन के पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव न लड़ने के ऐलान से सियासत गरमा गई है| ताई की नाराजगी से बीजेपी में जहां खलबली मची हुई है वहीं कांग्रेस ने इसको लेकर भाजपा पर तंज कस रही है| प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने ताई के चाबी वाले बयान पर चुटकी लेते हुए कहा है कि आठ बार से इंदौर सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ‘ताई’ द्वारा मीडिया को संबोधित पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा में मार्गदर्शक एवं स्वर्गवासी जैसे मण्डलों के बाद अब असमंजस-अनिर्णय मण्डल का भी गठन हो गया है। ताई ने इंदौर लोकसभा क्षेत्र में टिकिट वितरण को लेकर कहा था कि इंदौर की चाबी उनके पास सुरक्षित है, उसे किसी योग्य हाथों में ही सौपूंगी। अब जब चौकीदार द्वारा ताई से चाबी छीनी जाने की घोषणा होने वाली है तो ताई ने अपना राजनैतिक सम्मान बरकरार रखने के लिय खुद ही चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया है। 

सलूजा ने कहा कि बेहतर होता कि चौकीदार की मंशा भांपकर उमा भारती और सुषमा स्वराज की तरह ताई भी लोकसभा चुनाव से अपनी दावेदारी पहले ही वापस ले लेती, ताकि उन्हें असमंजस-अनिर्णय मण्डल की सदस्य मनोनीत नहीं होना पड़ता और उनको यह राजनैतिक अपमान सहना नहीं पड़ता। सलूजा ने कहा कि चौकीदार द्वारा चाबी छीनना तय होते ही ताई ‘‘ने चाबी को योग्य हाथों में सौंपने की बजाय लावारिस फेंक दिया।’’ शायद उन्हें भाई-भाभी-साहब और कविवर में भी कोई योग्य नहीं दिखा।

बिना दुल्हे की बारात है महागठबंधन: शिवराज

दरभंगा। चुनावी समर में एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं,  तो दूसरी तरफ महागठबंधन के सारे दल हैं। हमारा नेतृत्व नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं, लेकिन सामने वाली सेना में कोई सेनापति नहीं है। महागठबंधन बिन दूल्हे की बारात है। एक तरह से यह महागठबंधन न होकर महाठगबंधन है, जिसमें अलग-अलग नीति, अलग अलग दिशा और अलग अलग विचार वाले लोग सिर्फ सत्ता के लालच में एक हुए हैं। यह बात मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने बिहार के दरभंगा में आयोजित जनसभा में कही। चौहान के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित थे।


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