लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नहीं मिला कर्मचारियों का साथ

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भोपाल। मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस से कर्मचारी वर्ग अब भी नाराज है| क्यूंकि लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों ने कांग्रेस के खिलाफ जमकर वोट किया है| दिग्विजय शासन काल के बाद ऐसा माना जाता था कि कर्मचारियों की नाराजगी ने सत्ता बदल दी|  सत्ता में आते ही अनेकों मुद्दों को लेकर कर्मचारी अधिकारी सरकार के निशाने पर थे, कइयों पर बीजेपी के पक्ष में काम करने के आरोप पर गाज भी गिरी जिसका असर चुनाव में भी देखने को मिला| 29 में से एक भी लोकसभा सीट ऐसी नहीं है, जिसमें डाक मतपत्र कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा उम्मीदवार से अधिक मिले हाें।

सबसे कठिन सीट से चुनाव लड़े दिग्विजय सिंह ने कर्मचारियों की मनाने की भरपूर कोशिश की और माफ़ी तक मांगी| लेकिन यह कोशिश नाकामयाब रही और दिग्विजय को सिर्फ 381 कर्मचारी वोट मिले, जबकि भाजपा की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 1270 मत देकर उन पर भरोसा जताया है। सिर्फ छिंदवाड़ा लोकसभा और विधानसभा सीट ही ऐसी रही, जहां कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और नकुलनाथ को भाजपा की तुलना में ज्यादा मत दिए।


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