क्या आप जानते हैं : पेड़ों का टेलीफोन है ‘फफूंद’, मधुमक्खियां करती हैं ‘वैगल डांस’, दुनिया के 7 हैरतअंगेज़ तथ्य

हम अपनी पूरी जिंदगी में लगभग 200,000 बार जम्हाई लेते हैं। वहीं, सपनों में देखे गए चेहरे वही होते हैं जिन्हें हम अपने वास्तविक जीवन में देख चुके होते हैं। हमारा दिमाग नए चेहरे नहीं बना सकता, वो सिर्फ उन चेहरों को दिखाता है जिन्हें हमने पहले देखा होता है। और अब अगली बार आपको हंसी आए तो ये बात भी याद रखिएगा कि मनुष्य अपने पूरे जीवन में 500,000 से 600,000 बार हंसता है।

Shruty Kushwaha
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Amazing facts of the world : ये संसार असीमित है। हमारी आंखें इसका विस्तार नहीं देख सकती, हमारी बुद्धि इसकी गहराई नहीं नाप सकती। हम जितना देखते समझते हैं..दुनिया उससे कहीं अधिक विशाल और अद्भुत है। कुदरत में ऐसे तथ्य मौजूद हैं..जिनपर विश्वास करना कई बार मुश्किल हो जाता है।

शायद यही वजह है कि लोग इसे जादू का खिलौना कह गए हैं। यहां तिलिस्मात का खजाना है। कहीं कोई हैरतअंगेज़ फूल खिल जाता है तो कहीं कोई पंछी अपने अनूठेपन के कारण हमें चौंका देता है। प्रकृति के पास ऐसे ऐसे चमत्कार हैं, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इसीलिए तो कई बार हम इन बातों को अकल्पनीय सत्य कहते हैं।

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‘दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है’

क्या आप जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की चौड़ाई चंद्रमा के व्यास के बराबर है। आप चाहें यकीन करें या न करें..लेकिन सच ये भी है कि प्राचीन रोमन कैलेंडर में फरवरी वर्ष का अंतिम महीना था। और ये भी कि टाइपराइटर’ (typewriter) शब्द QWERTY कीबोर्ड की ऊपरी पंक्ति (QWERTYUIOP) में आने वाले अक्षरों का उपयोग करके टाइप किया जाने वाला सबसे लंबा शब्द है। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही मजेदार और हैरतअंगेज़ तथ्य लेकर आए हैं।

अजीबोगरीब तथ्य 

1. ग्रीन इगुआना की सिर के ऊपर एक अतिरिक्त आंख होती है, जिसे पार्श्विका आंख कहते हैं। यह आंख सिर्फ प्रकाश की उपस्थिति या अनुपस्थिति को महसूस कर सकती है, लेकिन इसके माध्यम से इगुआना देख नहीं सकता। ग्रीन इगुआना एक बड़ी, शाकाहारी छिपकली है, जो खासतौर पर मध्य और दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है।

2. आपने अक्सर पानी को बॉटल पर एक्सपायरी डेट देखी होगी। लेकिन क्या आपको पता है कि पानी की बोतल पर एक्सपायरी डेट उस बोतल के लिए होती है, पानी के लिए नहीं। असल में पानी खराब नहीं होता है लेकिन प्लास्टिक की बोतल में लंबे समय तक रखने से बोतल के केमिकल्स पानी में मिल सकते हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इसीलिए वॉटर बॉटल पर एक्सपायरी डेट लिखी जाती है।

3. अगर आप भी देर रात तक जागने की कोशिश करते हैं और इस कोशिश में चाय या कॉफी का सहारा लेते हैं तो ये खबर आपके लिए हैं। असल में सेब आपको जगाने में कॉफी से ज्यादा मदद करते हैं। सेब में नेचुरल शुगर होती है जो ऊर्जा बढ़ाने में मदद करती है और आपको जगाने में कॉफी से अधिक प्रभावी हो सकती है।  इसीलिए अगर आपको लंबे समय तक के लिए एनर्जी चाहिए तो कॉफी की बजाय सेब बेहतर विकल्प हो सकता है।

4. एक दूसरे की मदद करने की भावना सिर्फ इंसानों में ही नहीं होती। डॉल्फिन में इंसानों के प्रति गहरी सहानुभूति देखी गई है। वे संकट में पड़े इंसानों की मदद करने के लिए कई बार अपनी हदें पार कर जाती हैं। इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं जिसमें इंसानों को बचाने के लिए डॉल्फिन अपनी जान पर भी खेल गई।

5. पेड़ भी एक दूसरे से बात करते हैं। ये बाद सच है और पेड़ों के बीच संवाद का माध्यम बनती हैं मिट्टी में मौजूद फफूंद। पेड़ एक दूसरे से संवाद करने के लिए मिट्टी में मौजूद फफूंद के एक जटिल नेटवर्क का उपयोग करते हैं, जिसे “वुड वाइड वेब” कहा जाता है। इस नेटवर्क के माध्यम से पेड़ सूखे या बीमारी जैसे खतरों के बारे में संकेत भेज सकते हैं। इससे वे एक दूसरे को चेतावनी दे सकते हैं और सामूहिक रूप से प्रतिक्रिया भी कर सकते हैं। तो इस तरह आप फफूंद को पेड़ों का टेलीफोन कह सकते हैं।

6. एक और मजेदार बात ये है कि मधुमक्खियां अपने साथी मधुमक्खियों को फूलों की जगह की सूचना देने के लिए नृत्य करती है। इस विशेष नृत्य को ‘वैगल डांस’ कहा जाता है। इस नृत्य के माध्यम से वे फूलों की दिशा और दूरी की जानकारी साझा करती हैं।

7. बाँस पृथ्वी पर सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला पौधा है। कुछ प्रजातियां जैसे Moso बाँस (Phyllostachys edulis) एक दिन में 91 सेंटीमीटर (35 इंच) तक बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, बाँस की जड़ें मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करती हैं, जिससे भूमि संरक्षण में मदद मिलती है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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