सरकारी शिक्षक के घर EOW का छापा, टीम खंगाल रही दस्तावेज, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप

बताया जा रहा है सुरेश सिंह भदौरिया वर्ग तीन के शिक्षक हैं वे मूलतः भिंड जिले के निवासी है, वे पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता केपी सिंह के नजदीकी माने जाते हैं, वे इस समय शिवपुरी जिले के भौंती में ही रहते हैं। 

Atul Saxena
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EOW raids government teacher’s house: मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया डॉ मोहन यादव भ्रष्टाचार पर बहुत सख्त हैं, सीएम के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी शिकायत आने पर तुरंत एक्शन लें, इसी के चलते प्रदेश में ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त जैसी एजेंसियां बहुत एक्टिव हैं, इसी क्रम में ग्वालियर EOW की टीम ने शिवपुरी जिले में एक सरकारी शिक्षक के घर पर छापा मारा है, शिक्षक के खिलाफ EOW एसपी ऑफिस को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी।

आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ग्वालियर की टीम ने आज बुधवार को शिवपुरी जिले के भौंती में रहने वाले सरकारी शिक्षक के निवास पर छापा मारा। शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया के खिलाफ ईओडब्ल्यू को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी।

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डीएसपी दामोदर गुप्ता के नेतृत्व में ईओडब्ल्यू ग्वालियर की टीम सुबह 6 बजे ही शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया के घर पहुंच गई, अचानक हुए इस एक्शन से शिक्षक और उनका पूरा परिवार सहम गया, टीम ने यहाँ उनसे दस्तावेज मांगे, खबर है कि ईओडब्ल्यू ने आय अर्जित करने के प्रमाण मांगे हैं।

EOW टीम खंगाल रही दस्तावेज  

ईओडब्ल्यू ने बैंक खातों, जमीनों के दस्तावेजों,सहित हर उस आय की जानकारी खंगाली है जिनका जिक्र शिकायत में किया गया है । पुलिस को यहाँ कई दस्तावेज मिले हैं जिन्हें उसने जब्त कर लिया है, ई ओ डब्ल्यू के अधिकारी जन दस्तावेजों की जाँच कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता केपी सिंह के नजदीकी माने जाते हैं 

उधर बताया जा रहा है सुरेश सिंह भदौरिया वर्ग तीन के शिक्षक हैं वे मूलतः भिंड जिले के निवासी है, वे पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता केपी सिंह के नजदीकी माने जाते हैं, वे इस समय शिवपुरी जिले के भौंती में ही रहते हैं।  वे शासकीय शिक्षक की नौकरी के साथ अन्य व्यवसायों से भी जुड़े हैं। खबर लिखे जाने तक कार्रवाई जारी थी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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