शिवराज सरकार के मिनी कैबिनेट के गठन और मंत्रियों को विभाग और संभाग बांटे जाने के बाद भाजपा की सक्रियता देखते हैं अब कांग्रेस भी अलर्ट हो गई है और उसने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के अंदरखाने से आ रही खबरों पर भरोसा करें तो कांग्रेस ने उन 24 सीटों पर निगाह जमा दी है जहाँ उपचुनाव होने हैं लेकिन खास तौर पर कांग्रेस की निगाह ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटों पर है और माना जा रहा है कि पार्टी इस अंचल से आने वाले कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ गोविंद सिंह को मजबूती देकर अंचल के चुनाव को नियंत्रित करने की रणनीति बना रही है।पिछली सरकार में गोविंद सिंह सहकारिता मंत्री थे और इन्हें दिग्विजय का भी खास माना जाता है
दरअसल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को ग्वालियर-चंबल संभाग का प्रभारी बनाए जाने पर कांग्रेस कांग्रेस के कद्दावर नेता वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाकर बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है।अंदर से छनकर खबर आ रही है कि कांग्रेस सिंधिया और उनके समर्थकों को टक्कर देने के लिए कांग्रेस के कद्दावर नेता वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपने पर विचार कर रही है, क्योंकि जिन 24 सीटों पर उप चुनाव होना है उनमें सबसे ज्यादा 16 ग्वालियर-चंबल संभाग में हैं।कांग्रेस की खास करके नजर सिंधिया के प्रभाव में आने वाले ग्वालियर-चंबल की सीटों पर है। चुंकी इन्ही सीटों के ज्यादातर विधायक रहे समर्थकों ने सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी, और अब इन्ही सीटों पर जीत कर कांग्रेस वापसी की तैयारी में है।हालांकि कांग्रेस के कई नेता इस बात का दावा भी कर चुके है।कांग्रेस हर हाल में इन सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की रणनीति बना रही है। हालांकि इसका दावा खुद पूर्व मुख्यमंत्री और कई पूर्व मंत्री कर चुके है कि कांग्रेस उपचुनाव में कम बैक करेगी।ऐसे में सिंधिया को चुनौती देने कांग्रेस गोविंद सिंह जैसे बड़े दिग्गज को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है, जो सड़क से लेकर सदन तक सरकार की जमकर घेराबंदी कर सके। माना जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डाॅ. गोविन्द सिंह का नेता प्रतिपक्ष बनना तय हो गया है इसकी अधिकारिक घोषणा 25 अप्रैल को हो सकती है।सूत्रों के अनुसार मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश के सभी विधायकों से फोन पर डाॅ. सिंह के नाम पर सहमति ले ली है। लाॅकडाउन के कारण नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं होगी। उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस विधायक दल और कांग्रेस पार्टी की ओर से डाॅ. सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाने संबंधी पत्र 25 अप्रैल को विधानसभा सचिवालय को सौंपा जाएगा।।
बता दे कि एक कांग्रेस बनवारी लाल जौरा विधानसभा और एक बीजेपी मनोहर सिंह ऊंटवाल आगर विधानसभा सीट निधन के बाद सीट खाली हुई है। वही 22 सिंधिया समर्थक दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य के साथ बीजेपी में शामिल हो गए है।सरकार गिराने में इन 22 की भूमिका अहम रही थी।वर्तमान में ग्वालियर-चंबल अंचल की 16 सीटें और 5 मालवा-निमाड़ तथा एक सागर, भोपाल, शहडोल संभाग की हैं। पार्टी का जोर ऐसी सीटों पर ज्यादा है जहां से पूर्व मंत्री लड़े थे और अब वे भाजपा में है।
सोशल मीडिया पर खोला मोर्चा
वही सत्ता से हटने के बाद कांग्रेस सोशल मीडिया पर तेजी से एक्टिव हो रही है। कई बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाल रखा है। शिवराज सरकार की पल पल की खबर रखी रही है। वही फैसलों और घटनाक्रम को लेकर घेराबंदी भी की जा रही है, फिर चाहे मामले कानून व्यवस्था से जुड़ा हो या कोरोना से या फिर कैबिनेट में मंत्रियों के शामिल ना करने से। हर मुद्दे को कांग्रेस ट्वीटर पर जोर शोर से उठा रही है और भाजपा पर तीखे वार किए जा रहे है।