भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ अनलॉक (MP Unlock) के बाद MP में कोरोना (Coronavirus) की रफ्तार दिनों दिन कम होती जा रही है वही दूसरी तरफ कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (Delta Plus Variants) की दस्तक ने टेंशन बढ़ा दी है। राहत की बात ये है कि पिछले 24 घंटे में केवल 46 नए कोरोना केस सामने आए है, जिसके बाद एक्टिव केसों की संख्या 927 हो गई है।इसी के साथ MP देश में 31वें स्थान पर पहुंच गया है। आज कोरोना समीक्षा बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज के केसों के बाद यह स्पष्ट संकेत है कि कोरोना अब नियंत्रण में है। मध्यप्रदेश देश में 31 वें नम्बर पर है। सात दिन की पॉजिटिविटी दर 0.1 प्रतिशत है।
सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि इस स्थिति के बाद भी प्रदेश में कोरोना के टेस्ट कम नहीं होने दिये जायेंगे।प्रतिदिन 80 हजार टेस्ट आवश्यक रूप से किये जायें। पन्ना, दमोह, झाबुआ, मंडला, सीधी, बड़वानी, छिंदवाड़ा, सतना, भिंड, टीकमगढ़, खरगोन, अलीराजपुर, अनुपपुर, छतरपुर, मुरैना और आगर जिलों में टीकाकरण को गति देने के निर्देश दिये।वही इंदौर, बड़वानी, बैतूल, हरदा, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, रतलाम और रीवा में आये नए कोरोना प्रकरणों की बिंदुवार जानकारी ली।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तीसरी लहर (Corona Third Wave) की संभावना खत्म नहीं हुई है। अत: लगातार सतर्क रहने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट आवश्यक हैं। प्रदेश के कोने-कोने में टेस्टिंग और ट्रेसिंग से तत्काल संक्रमण की पहचान और उस पर नियंत्रण संभव होगा। हमारा प्रयास यह हो कि हम संक्रमण के प्रत्येक प्रकरण के कारणों की पहचान करें। इससे सभी सावधानी बरती जा सकेगी। मध्य प्रदेश में तीसरी लहर के कारणों को समाप्त करना हमारा लक्ष्य होगा।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि यह शुभ संकेत है कि प्रदेश में टीकाकरण (Vaccination) को लेकर भय और भ्रम दूर हुआ है। 18 वर्ष से अधिक आयु की 30 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को टीके की पहली डोज लग चुकी है। इंदौर में 68 प्रतिशत, भोपाल में 60 प्रतिशत, शहडोल और उज्जैन में 44 प्रतिशत, जबलपुर में 41 प्रतिशत और ग्वालियर में 40 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है।टीकाकरण महाअभियान में 21 से 25 जून तक इंदौर में 4 लाख 46 हजार 445, भोपाल में 2 लाख 60 हजार 633, उज्जैन में एक लाख 94 हजार 28 और जबलपुर में एक लाख 69 हजार 191 डोजेज लगाई गईं।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि म्यूकर माइकोसिस का इलाज बहुत महंगा है। गरीब तथा मध्यम वर्गीय परिवारों को इलाज के आर्थिक बोझ से बचाना जरूरी है। अत: शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में म्यूकर माइकोसिस (mucor mycosis) के इलाज की श्रेष्ठ व्यवस्था की जाये। समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में म्यूकर माइकोसिस के 532 मरीज मेडिकल कॉलेजों में और 200 मरीज निजी अस्पतालों में उपचाररत हैं।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि केंसर जैसी गंभीर और अधिक खर्च वाली बीमारियों में मरीज और उसके परिवार को आर्थिक राहत और भावनात्मक संबल देने के लिए आवश्यक मेकेनिज्म विकसित किया जाए। कोरोना संक्रमण के मरीजों के इलाज,उनकी स्थिति, आवश्यक व्यवस्था और उन्हें सहयोग देने आदि की प्रतिदिन समीक्षा की गई। पीड़ित मरीजों और परिवारों को राहत प्रदान की गई। इसी प्रकार किडनी की समस्या, बायपास सर्जरी, थैलेसीमिया जैसी गंभीर और खर्चीली बीमारियों से ग्रस्त मरीजों और परिवारों की नियमित मानीटरिंग की व्यवस्था स्थापित की जाए और उन्हें सहयोग प्रदान किया जाये।