Employees News : महंगाई भत्ते में केंद्र से पिछड़ने पर मध्य प्रदेश के कर्मचारी व पेंशनर्स नाराज, 4% होना है वृद्धि

प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से बढ़ती महंगाई का सामना करने के लिए जनवरी 2024 से महंगाई भत्ते /महंगाई राहत में वृद्धि कर कार्यरत एवं सेवानिवृत कर्मचारी को आर्थिक मजबूती दिए जाने की मांग की है।

Amit Sengar
Published on -
da hike

MP Employees DA Hike 2024 News : लोकसभा चुनाव के कारण तृतीय वर्ग के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता का लाभ नहीं मिल सका। जिसे लेकर करीब 12 लाख कर्मचारी परेशान हैं। एक तरफ जहां केन्द्रीय कर्मचारियों को 50% डीए मिल रहा हैं वहीं प्रदेश में अभी भी महंगाई भत्ता 46% है।

लोकसभा चुनाव आचार संहिता से पहले 8 फीसदी महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्रदान करने की मांग की है। इस दौरान कर्मचारी संघ की मांग है कि केंद्र और राज्य में महंगाई बराबर है तो महंगाई भत्ता (DA) क्यों नहीं समान क्यों नहीं होना चहिए।

कर्मचारी संघ ने की 4 फीसदी डीए बढ़ाने की मांग

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि लगातार सब्जी खाद्य पदार्थ तेलों के दाम बढ़ रहे हैं दिनों दिन बढ़ती महंगाई का सामना करने के लिए ही महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता है लेकिन राज्य में 7.50 लाख कार्यरत एवं 4.50 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत न मिलने से कर्मचारियों को हर महीने लगभग ₹620 से₹5640 तक का नुकसान हो रहा है कर्मचारियों को जनवरी 2024 से 4% महंगाई भत्ता प्रदान न करने से 6 महीने में सरकार ने 600 करोड़ रूपया बचा लिए कर्मचारियों को महंगाई भत्ता महंगाई राहत अभी तक नहीं मिला लेकिन महंगाई बराबर बढ़ रही है हर वस्तु के दाम बढ़ रहे हैं।

राज्य सरकार को भी केंद्र सरकार की तरह जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता/महंगाई राहत में 4% वृद्धि करना चाहिए राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता /महंगाई राहत का बकाया न देकर पहले भी करोड़ों रुपए बचाया गया है तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से बढ़ती महंगाई का सामना करने के लिए जनवरी 2024 से महंगाई भत्ते /महंगाई राहत में वृद्धि कर कार्यरत एवं सेवानिवृत कर्मचारी को आर्थिक मजबूती दिए जाने की मांग की है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News