मध्य प्रदेश में डेंगू के आंकड़े 1500 के पार, सबसे ज्यादा खतरा भोपाल में, स्वास्थ अधिकारी ने की अपील

Shashank Baranwal
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Dengue cases in MP : भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश में डेंगू का कहर जारी है। सितंबर महीने में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे है, रोजाना 6 से 7 मामले सामने आ रहे हैं। शहर में अक्टूबर महीने के शुरुआती दिनों में ही डेंगू का आंकड़ा 373 तक पहुंच चुका है। बताया जा रहा है कि इस साल में प्रदेश का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। शहर के निजी अस्पतालों में तीन दर्जन से ज्यादा डेंगू से पॉजिटिव लोगों का इलाज चल रहा है। हालांकि अभी उनका एलाइजा टेस्ट नहीं हुआ है। एलाइजा का टेस्ट जब तक नहीं होता डॉक्टर मरीज को डेंगू पॉजिटिव नहीं मानता है।

नगर निगम नहीं कर रहा फॉगिंग

तेजी से फैल रहे डेंगू पर लोगों का कहना है कि नगर निगम शहर में फॉगिंग तक नहीं करा रहा है। दिन रात लोग मच्छर से परेशान है, कई बार नगर निगम के कार्यालय में शिकायत की गई फिर भी नगर निगम द्वारा फॉगिंग की कार्रवाई नहीं कराई गई है।

राज्य में डेंगू के आंकड़े 1500 के पार

नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल (एनसीवीबीडीसी) की वेबसइट पर 17 सितम्बर तक की जानकारी है। वहीं इस जानकारी के अनुसार राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या 1544 है। इस समय तक राजधानी भोपाल में डेंगू से ग्रसित मरीजों की संख्या करीब 280 थी। गौरतलब है कि चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या भी 100 के पार पहुंच गई है। पिछले साल के बरक्स इस साल के आंकड़े दो गुना बताए जा रहे है।

स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी की अपील

सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि डेंगू का पता लगाने के लिए एलाइजा का टेस्ट किया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की यदि डेंगू के लक्षण किसी मरीज में दिखाई दें तो वह टेस्ट जरूर कराए। डेंगू टेस्ट का सर्वे किया जा रहा है और लापरवाही बरतने पर फाइन भी लग रहा है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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