भोपाल।
मजदूर दिवस के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने सभी को बधाई दी है और कहा कि देश अपनी नई सरकार चुन रहा है। यह सही समय है जब केंद्र की 5 साल की मोदी सरकार और मप्र में 15 साल शासन करने वाली भाजपा से काम का हिसाब मांगा जाए। मैं शुरुआत कर रहा हूँ। आप भी ‘जुमला सरकार’ से काम का हिसाब मांगिए। इसके साथ ही दिग्विजय ने पीएम मोदी से दस सवाल पूछे है और उनके जवाब मांगे है। यह सिलसिला अब लोकसभा चुनाव तक चलने वाला है। दिग्विजय ने बताया कि वह इस तरह के रोज दस सवाल पीएम मोदी से पूछेंगें।हालांकि यह पहला मौका नही है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री कमलनाथ और सिंधिया शिवराज सरकार से सवाल पूछने का सिलसिला कर चुके है। अब दिग्विजय यह क्रम शुरु करने जा रहे है। आज दिग्विजय द्वारा पूछे गए सवालों में नोटबंदी, बेरोजगारी, मजदूरों से जुड़े कानून, रोजगार, आर्थिक व्यवस्था और मनरेगा शामिल है।
दिग्विजय ने पीएम मोदी से पूछे दस सवाल
प्रश्न 1- प्रधानमंत्री मोदी जिस नोट बंदी पर गुमान करते रहे उसे लेकर RSS के भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैजनाथ राय ने कहा था कि नोटबंदी के कारण चार से पांच करोड़ मजदूरों का रोजगार चला गया। क्या संघ झूठ बोल रहा है? जवाब दीजिये कि श्रमिकों के साथ ये अन्याय क्यों?
प्रश्न 2- क्या यह सही नहीं है कि भाजपा सरकार में बेरोजगारी की दर 6.1% से अधिक हो गई है जो 45 साल में सबसे ज्यादा है? 2018 में देश में 1.1 करोड़ नौकरियां खत्म हुईं नोटबन्दी के कारण 50 लाख नौकरियां चली गईं। कौन है इसका गुनहगार?
प्रश्न 3- सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआईई) के अनुसार 2016 में मप्र में बेरोजगारी की दर 4.1% थी जो दिसंबर 2018 में बढ़कर 9.8% तक पहुंच गई। प्रदेश में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक क्यों हो गई?
प्रश्न 4- Ease of Business के नाम पर मज़दूरों की सुरक्षा से जुड़े 44 क़ानून हो ख़त्म कर सिर्फ़ 4 नए कोड बनाने के प्रयास क्यों हैं? मज़दूर संगठनों की सलाह के बिना!
सिर्फ़ उद्यमियों का जीवन आसान होना चाहिए मोदी जी, श्रमिकों का नहीं?
सिर्फ़ फ़ैक्टरी सुरक्षित रहे, मज़दूर नहीं?क्यों?
प्रश्न 5- मोदी जी, आप कहते है कि युवा नौकरी माँगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें।
लेकिन आँकड़े बताते हैं कि देश में 80% स्वरोज़गार वालों की मासिक आय ₹10000 से कम है!
इसमें वो क्या अपना घर चलाएँ, क्या दूसरों को रोज़गार दें?
ऐसे जुमलों से बेरोज़गारों का मज़ाक़ क्यों?
प्रश्न 6: कांग्रेस ने आज़ादी के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के मज़बूत उद्यम लगाए थे।देश की आर्थिक और सामरिक सुरक्षा की ये रीढ़ रहे थे। मोदी जी ने सिर्फ़ पाँच साल में सत्तर सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया। ONGC, BHEL, HAL, LIC, SBI, BSNL सभी नवरत्न कम्पनियाँ आपके राज में डूब गयी! कैसे?
प्रश्न 7- ONGC का हाल देख लीजिए। देश की सबसे ज़्यादा ‘cash rich’ कम्पनी थी।
2013-14 ₹10798.9 करोड़ कैश था
2014-15 ₹118.5 करोड़ हो गया
2015-16 ₹ 13.9 करोड़
2016-17 ₹42.7 करोड़
2017-18 ₹29.6 करोड़ रह गया है!
यही है विकास?
नया बनाया नहीं, पुराना बर्बाद कर दिया!
प्रश्न 8- HAL सामरिक सुरक्षा की रीढ़ है, मुनाफ़े में भी रही है।
इतना मुनाफ़ा कि ख़ुद मोदी सरकार को ₹11,024 करोड़ कैश ट्रान्स्फ़र किया,₹4,631 करोड़ का डिवीडेंड भी दिया। और आज?पहली बार सैलरी के लिए ₹ 781 करोड़ का क़र्ज़ लेना पड़ा! जो हमने बनाया, आपने क्यों बर्बाद किया मोदी जी?
प्रश्न 9-सरकारी बैंक मुनाफ़े में थे, अब लगातार घाटे में जा रहे हैं
2013-14 profit 37,393 crore
2014-15 profit 45,743 crore
2015-16 loss 17,993 crore
2016- 17 loss 11,389 crore
2017-18 loss 87,357 crore
2018-19 loss 80,000 crore (est.)
भारत की शान SBI भी घाटे में ले आए!
प्रश्न 10- मोदी जी, चुनाव ख़त्म होने को हैं। आपने 2014 में अच्छे दिनों का सपना दिखाकर वोट लिया था। आप अपनी रैली में जनता से क्यों नहीं पूछते कि अच्छे दिन आए कि नहीं! आप मनरेगा मजदूर, असंगठित क्षेत्र के कामगार और करोड़ों बेरोज़गारों से क्यों नहीं पूछते कि उनके दिन कैसे हैं?