जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया ((jyotiraditya scindia) ने बीजेपी (bjp) ज्वाइन की है, कांग्रेस (congress) जैसे उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गई है। किसी न किसी मुद्दे पर महाराज को घेरा जा रहा है और वह लोग जो कभी सिंधिया के सामने नतमस्तक नजर आते थे अब उन पर वार पर वार कर रहे हैं।
ताजा मामला भोपाल (bhopal) का है जहां सिंधिया समर्थक और कांग्रेस सरकार में मंत्री (minister) रहे तुलसी सिलावट (tulsi silawat) ने भाजपा (bjp) ज्वाइन करने के बाद जल संसाधन मंत्री (irrigation minister) का पदभार ग्रहण किया। वल्लभ भवन (vallabh bhavan) में जिस जगह उन्होंने पदभार ग्रहण किया उसके ठीक पीछे ऊपर महात्मा गांधी (mahatma gandhi) और विवेकानंद (vivekanand) की फोटो लगी थी और नीचे प्रधानमंत्री (prime minister) नरेंद्र मोदी (narendra modi), मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (chief minister shivraj singh chauhan) के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का फोटो मौजूद था।
इसी बात को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता (congress spoke person) नरेंद्र सलूजा (narendra saluja) ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि आखिरकार सरकारी कार्यालय में सिंधिया का फोटो कैसे। न सिंधिया इस समय सांसद है ना विधायक ना किसी सरकार में मंत्री तो फिर किस हैसियत में उनका फोटो लगाया गया । सलूजा ने यह भी सवाल खड़ा किया कि फोटो सिंधिया का तो है लेकिन अमित शाह ((amit shah), जेपी नड्डा (jp nadda) या वीडी शर्मा (vd sharma) सहित भाजपा के पितृ पुरुष रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी (shyama prasad mukharjee) या दीनदयाल उपाध्याय (dindayal upadhyay) का नहीं । अब इस मुद्दे पर सिंधिया समर्थक क्या जवाब देंगे , यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन फिलहाल तो विवाद खड़ा हो ही गया है।