चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार पर संकट, टेंडर जारी करने पर आयोग ने मांगा जवाब

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भोपाल। चुनाव आचार संहिता लगने के बाद प्रदेश के कई विभागों में 650 से अधिक टेंडर जारी करने को लेकर राज्य सरकार की मुश्बित बढ़ सकती है। चुनाव आयोग ने इस संबंध में की गई शिकायत को गंभीरता से लिया है और प्रदेश के मुख्य सचिव से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।

दरअसल इस मामले में भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया है कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता 10 मार्च को लगने के बाद राज्य सरकार के अलग- अलग विभागों ने 11 से 13 मार्च की अवधि में 689 टेंडर जारी किये गये। इनमें नये निर्माण कार्य से जुड़े टेंडर भी शामिल हैं। नियमानुसार चुनाव आचार संहिता लगने के बाद किसी तरह के निर्माण कार्य के लिये टेंडर जारी करने से पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेना जरुरी होता है, लेकिन राज्य सरकार ने एेसा नहीं किया, जिससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता है। भाजपा की ओर से की गई शिकायत के बाद प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी व्हीएल कांताराव ने इस संबंध में मिली शिकायत का जिक्र करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने इस संबंध में सही स्थिति से अवगत कराने कहा है। वहीं किस विभाग ने कितने टेंडर जारी किये हैं, इस संबंध में भी पूरा ब्यौरा मांगा है। इस पत्र के बाद राज्य सरकार के विभागों की परेशानी बढ़ गई है। जिन विभागों में टेंडर किये जाने को लेकर शिकायत की गई है, उनमें नगरीय विकास एवं विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जैसे बड़े विभाग शामिल हैं। अब यदि राज्य सरकार के जवाब के बाद किसी विभाग के अधिकारी चुनाव आयोग की अनुमति के बगैर टेंडर जारी करने के दोषी पाये जाते हैं, तो फिर एेसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।


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