भोपाल। नई सरकार की लोकलुभावनी घोषणाएं और चुनाव में किये गए वादों को पूरा करने में खाली खजाना बड़ी चुनौती बना हुआ| जिसके चलते ऐसे माना जा रहा है कि सरकार खर्चों में कटौती के साथ ही कई सेवाओं को महंगी कर सकती है| हालाँकि सरकार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जनता पर कोई बोझ नहीं डालना चाहती है| जिसके चलते प्रदेश में 100 यूनिट की खपत तक 100 रुपए बिजली बिल करने के बाद नए टैरिफ से लोकसभा चुनाव तक आम बिजली उपभोक्तओं को राहत मिलेगी। चुनाव तक बिजली के दाम नहीं बढाए जाने की संभावना है|
मप्र विद्युत नियामक आयोग आमतौर पर अप्रैल में नई टैरिफ घोषित करता है। लेकिन इस बार इसका निर्धारण देर से होगा। लाेकसभा चुनाव के मद्देनजर अगले सप्ताह तक आचार संहिता लगने की संभावना है। ऐसी स्तिथि में लोकसभा चुनाव होने तक बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे। पिछले साल भाजपा शासन के दौरान भी विधानसभा चुनाव होने की वजह से टैरिफ प्लान में ज्यादा फेरबदल नहीं किया गया था। इस बार भी लोकसभा चुनाव बाद ही टैरिफ में फेरबदल के आसार हैं।
सूत्रों के मुताबिक राज्य की तीनों विद्युत वितरण कंपनियां बढ़े हुए खर्चों के मुताबिक टैरिफ बढ़ाने के लिए आवेदन करती हैं। इसका परीक्षण होने के बाद दावे-आपत्ति आते हैं। उसके बाद ही आयोग बिजली की दर तय करता है। बताया जा रहा है कि बिजली कंंपनियों ने आयोग को मामूली बढ़ोतरी करने का प्रपोजल दिया है। लेकिन, अब तक इस दिशा में कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। आयोग के अधिकारियों की दलील है कि अगर टैरिफ में बढ़ोतरी भी होती है ताे इसके चुनाव बाद होने की ही संभावना है क्योंकि इतनी जल्दी प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती। इसी के साथ चुनाव के बाद जब नया टैरिफ प्लान लागू किया जाएगा उसमें भी आम उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में महीने की 300 यूनिट व इससे अधिक बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को करीब आठ रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल अदा करना पड़ता है।