नए मेडिकल कॉलेजों की मान्यता के लिए दूसरे कॉलेजों की फैकल्टी का सहारा

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भोपाल। प्रदेश में रतलाम, शिवपुरी और छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेजों में आगामी सत्र (2019-20) से एमबीबीएस कोर्स शुरू करने के लिए दूसरे कॉलेजों से करीब 25 फैकल्टी को प्रतिनियुक्ति पर इन कॉलेजों में भेजा गया है। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल से आठ फैकल्टी को प्रतिनियुक्ति पर रतलाम, विदिशा आदि कॉलेजों में भेजा गया है। इससे फैकल्टी नाराज हैं। वहीं चिकित्सा विभाग का तर्क है कि  एमसीआई से मापदंड से जो शिक्षक ज्यादा थे सिर्फ उन्हीं को भेजा गया है। इन कॉलेजों के शुरू होने से प्रति कॉलेज 100-100 सीटों के लिहाज से एमबीबीएस की 300 सीटें बढ़ जाएंगी।

एमबीबीएस कोर्स की मान्यता देने के लिए एमसीआई की टीम इसी महीने इन कॉलेजों को निरीक्षण कर सकती है। नए कॉलेजों में एमसीआई के मापदंड के अनुसार फैकल्टी कम हैं। इनमें सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यपक व प्राध्यापक शामिल हैं। लिहाजा भोपाल, इंदौर, जबलपुर व ग्वालियर मेडिकल कॉलेज से फैकल्टी को डेपुटेशन पर नए कॉलेजों में भेजने के आदेश संबंधित कॉलेजों के डीन ने जारी किए हैं। सभी को एक-दो दिन के भीतर ज्वाइन करना है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी शहडोल, विदिशा, दतिया और खंडवा की मान्यता के लिए पिछले साल प्रतिनियुक्ति पर फैकल्टी को भेजा था। इस व्यवस्था को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला का कहना है कि जो फैकल्टी एमसीआई मापदंड से ज्यादा है, उन्हीं को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है।


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