…तो इसलिए जानवरों ने किया कूच, जंगल में पार्टी, शहर में तेंदुआ

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भोपाल। फराज़ मुस्तफा। 

कलियासोत के जंगलों में बीती देर रात पार्टी चल रही थी। तेज डीजे और जनरेटर के साथ ध्वनी प्रदुशण फैलाया जा रहा था। एक निजी संस्थान द्वारा आयोजित इस पार्टी में संस्थान के केंपस से एक किलोमीटर दूर तक हेवी लाइट्स लगाई गई थीं। फारेस्ट का गश्ती दल यहां दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा था। वह भी तब जब यहां बाघ और तेदुए का मूवमेंट है।

जानकारी के अनुसार तेंदुआ पिछले तीन चार दिनों से कलिया सोत से चूनाभट्टी और शाहपुरा के रहवासी इलाकों में घूम रहा है। फारेस्ट की ओर इन क्षेत्रों में जगह-जगह पिंजरे लगाए गए हैं। स्थानीय लोगों के लिए एलर्ट जारी किया गया है। जिससे शाहपुरा और चूनाट्टी के बीच रहने वाले रहसी दहशत में हैं। बावजूद इसके फारेस्ट के जिम्मेदार तेंदुआ पकडऩे को लेकर तरह-तरह के दावे कर रहे हैं। इन्ही तमाम दावों का जायजा लेने के लिए बीती रात हमारे संवाददाता ने शाहपुरा पहाड़ी,चूनाट्टी से लेकर कलियासोत के जंगलों का भ्रमण किया। रात 10:30 बजे संवाददाता कोलार स्थित खादिम्स शोरूम के बगल में स्थित रोड से होते हुए कलिया सोत के जंगल की ओर गए। कलिया सोत के जंगलों में कुछ दूरी तक तो भीषण अंधेरा था। जैसे-जैसे संवाददाता जंगल के अधिक भीतर पहुंचे। वहां भारी चकाचौंद दिख रही थी। जंगल के अंदर बने एक निजी संस्थान से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर लोहे के पाइप पर लगी बड़ी-बड़ी हेलोजन लाइट्स दिख रही थीं। तेज आवाज में जनरेटर चल रहे थे।

– डेढ़ घंटे घूमते रहे जंगल में 

रात करीब 10:55 पर संवाददाता लाइट्स के करीब पहुंच चुके थे। यहां एक किलोमीटर के दायरे में करीब तीन स्थानों पर बाघ भृमण क्षेत्र के बोर्ड लगे थे। कुछ ही देर में छात्र और छात्राएं अपने वाहनों से आते और जाते दिखे। संवाददाता करीब एक डेढ़ घंटे तक यहीं घूमते रहे। जनरेटर के पास खड़े युवकों से पूछताछ करने पर उन्होंने खुदको एक टेंट हाउस का कर्मचारी बताया और परमिशन के बाद में लाइट्स लगाने की जानकारी दी। हड़बड़ाते हुए तत्काल सामान खोलना शुरू कर दिया गया। अंदर और गहरे जंगल में लगी लाइट्स खोलने के लिए एक कर्मचारी को भेजा गया। इस दौरान कहीं फारेस्टल का गश्ती दल दिखाई नहीं दिया। हालांकि कलियासोत नहर के पास में पुलिस की डायल 100 खड़ी दिखी। इसके बाद में जिस रास्ते से हमारे पत्रकार आए वहीं से कोलार से होते हुए चूनाभट्टी फिर शाहपुरा में तेंदुए के मूवमेंट वाले इलाके में गए। इस समय तक रात के 1:30 बज चुके थे। जिससे साफ हुआ कि जंगल में ऐसे आयोजनों के कारण ही वन्य प्राणी शहर की ओर कूच कर रहे हैं।

– इनका कहना है

पार्टी और लाइट्स की परमिशन साहब लोगों ने दिए हैं। लाइट्स बाहर तक नहीं लगी थीं। 

एचएस मिश्रा, डीएफओ भोपाल


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