21 जून से प्रदेशभर की करीब 75 हजार आशा-ऊषा कार्यकर्ता करेंगी आंदोलन, वैक्सीनेशन महाअभियान पर पड़ सकता है असर

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में प्रदर्शन का दौर जारी है। पहले जूनियर डॉक्टर्स, फिर नर्स और अब आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं (ASHA-USHA workers) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह सभी कार्यकर्ता वेतन सहित अन्य मांगों को पूरा करने की मांग सरकार से कर रही है। वहीं सरकार की तरफ से कुछ भी पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिल रहा था। जिसके बाद इन सभी कार्यकर्ताओं ने 21 जून से काम बंद करने की चेतावनी दी थी।

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हड़ताल टीकाकरण अभियान को कर सकती है प्रभावित
इधर, अब तक इस मामले में सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है। जिसके बाद 21 जून से प्रदेश भर की करीब 75 हजार आशा-ऊषा कार्यकर्ता आंदोलन करेंगी। और 10 दिन के लिए काम बंद कर हड़ताल पर बैठेंगी। बता दें कि 21 जून से प्रदेश भर में वैक्सीनेशन का महा अभियान शुरू होने जा रहा है। जिसको लेकर सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं 21 जून से ही इन कार्यकर्ताओं की हड़ताल टीकाकरण अभियान को प्रभावित कर सकती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में हो सकती है असुविधा
दरअसल वैक्सीनेशन महा अभियान का इन कार्यकर्ताओं ने बहिष्कार किया है। जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान से लेकर वैक्सीनेशन और हर तरह के अभियान में आशा और उषा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रहती है। यही कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करती हैं। और सरकार के द्वारा चलाए गए अभियान के लिए प्रेरित करती हैं।

कार्यकर्ताओं की मांग
• उन्हें सरकारी कर्मचारी का पद दिया जाए।
• मानधन बढ़ाया जाए।
•आशा सहयोगी यों को पर्यवेक्षक का पद दिया जाए।
•सभी आशा कार्यकर्ताओं के परिवार वालों का निजी और सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज कराया जाए।
•सर्वे के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी होने पर तुरंत कार्रवाई की जाए
• अगर किसी भी आशा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होती है तो उनके परिवार को बीमा दिया जाए।
•कोरोना महामारी में काम करने के अंतर्गत 10 हजार की सुरक्षा राशि दी जाए।

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Harpreet Kaur

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