Gandhi Jayanti 2022 : “सत्य की व्यापक खोज़” के लिए समर्पित रहा महात्मा गाँधी का जीवन

Kashish Trivedi
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भोपाल, प्रवीण कक्कड़। आज गांधी जयंती (Gandhi jayanti 2022) है, जब भी हम महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का नाम लेते हैं तो सबसे पहले जो शब्द ज़हन में आता है वह है सत्य क्योंकि उन्होंने सत्य के प्रति अडिग रहकर अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। महात्मा गांधी ने अपने विचारों से न केवल भारत को आजादी दिलायी बल्कि समाज में अनेक सुधार भी किए। महात्मा गांधी के सिद्धांतों की प्रासंगिकता आज भी कायम है। गांधी कहते थे कि सत्य ही ईश्वर है और ईश्वर ही सत्य है। उनके अनुसार धर्म से तात्पर्य किसी धर्म विशिष्ट से नहीं है बल्कि उस तत्व से है जो उसमें समान रूप से व्याप्त है। वे धर्म और नैतिकता में भेद नहीं मानते थे।

गांधी जी ने अपना जीवन सत्य, या सच्चाई की व्यापक खोज में समर्पित कर दिया। उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी स्वयं की गल्तियों और खुद पर प्रयोग करते हुए सीखने की कोशिश की। उन्होंने अपनी आत्मकथा को सत्य के प्रयोग का नाम दिया। गांधी जी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ने के लिए अपने दुष्टात्माओं , भय और असुरक्षा जैसे तत्वों पर विजय पाना है। गांधी जी ने अपने विचारों को सबसे पहले उस समय संक्षेप में व्य‍क्त किया जब उन्होंने कहा भगवान ही सत्य है| बाद में उन्होंने अपने इस कथन को सत्य ही भगवान है में बदल दिया। इस प्रकार , सत्य में गांधी के दर्शन है ” परमेश्वर “|


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