भोपाल| मध्य प्रदेश में चुनावी आचार संहिता हटते ही राज्य सरकार ने एक बार फिर बड़ी प्रशासनिक सर्जरी कर दी| इनमे चुनाव के दौरान आयोग द्वारा हटाए गए अफसरों को फिर से वहीं पोस्टिंग दी गई है| आने वाले समय में कई आईएएस और आईपीएस समेत अन्य विभागों में भी तबादले होना है| जिसके चलते विपक्ष एक बार फिर तबादलों को लेकर सरकार की घेराबंदी करने की कोशिश में है| नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने तबादला उद्योग फिर चालु होने के आरोप लगाए हैं|
दरअसल, सरकार ने सोमवार देर शाम बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की है| जिसमे कई जिलों के कलेक्टर बदल दिए हैं| सरकार ने उन अधिकारियों को वहीं कलेक्टर पदस्थ कर दिया, जहां से उन्हें आयोग ने हटवाया था। छिंदवाड़ा में श्रीनिवास शर्मा, शहडोल में ललित कुमार दाहिमा की 16 दिन बाद ही बतौर कलेक्टर वापसी हो गई। वहीं, जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज, पन्ना से मनोज खत्री और मंदसौर से धनराजू एस को हटा दिया।शहडोल से शेखर वर्मा और भिंड से डॉ. विजय कुमार जे की भोपाल वापसी हो गई। इसके साथ ही शहडोल, चंबल और ग्वालियर के कमिश्नर को भी हटा दिया।
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आचार संहिता हटने के अगले ही दिन हुई इस सर्जरी पर बीजेपी ने निशाना साधा है| नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है| उन्होंने लिखा है कि “26 मई को चुनाव आयोग ने जैसे ही आचार संहिता हटाई 27 मई को प्रदेश सरकार तबादला उद्योग शुरू कर देती है। मध्यप्रदेश में तबादला उद्योग फिर से चालू हो गया”। बता दें कि इससे पहले गोपाल भार्गव ने कांग्रेस के सत्ता में आते ही ताबड़तोड़ तबादलों पर सरकार पर आरोप लगाए थे| उन्होंने कहा था कि कमलनाथ सरकार में तबादला उद्योग फलफूल रहा है और दलालों और कमीशनखोरों का राज चल रहा है| जिस तरह आचार संहिता के बाद की गई पहली सर्जरी पर ही विपक्ष सवाल उठा रहा है, ऐसे में आने वाले समय में अभी और भी तबादले होने है, और यह तय है कि विपक्ष इसे मुद्दा बनाएगा|