भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में पत्र राजनीति शुरू हो गई है। मंगलवार को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ��त्र लिखा था। जिसका जवाब मुख्यमंत्री ने दो पन्नों के एक पत्र में लिख कर नेता प्रतिपक्ष को भेजा था। नेता प्रतिपक्ष ने अब पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री का पत्र का जवाब भेजा है। उन्होंंने सीएम के पत्र में दिए गए जवाब से असंतुष्टि जाहिर की है। मुख्यमंत्री द्वारा बताई गई उपलब्धियों को भी उन्होंंने सतही करार दिया है।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पत्र में लिखा है कि, ‘आज आपके द्वारा भेजा गया पत्र मुझे प्राप्त हुआ जिन मुद्दों पर मैंने विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग की थी उनके बारे में आप ने सतही तरीके से जानकारी देकर विषयों की गंभीरता को कम करने का प्रयास किया है। प्रदेश में समस्याएं इतनी विकराल हैं कि आप अपने दो प्रश्नों के पत्र के माध्यम से इनका उत्तर नहीं दे सकते हैं। इसी कारण मैंने राज्यपाल महोदय एवं आपसे प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर तत्कालिक चर्चा की आवश्यकता बताई थी। चर्चा व्यापक हो प्रश्न उत्तर हो ध्यानाकर्षण हो आवश्यक हो तो स्थगन सूचनाओं नियम 139 अथवा आधे घंटे की चर्चा के द्वारा सभी पक्षों के विधायक चर्चा में भाग ले सकें। इसके लिए लोकतंत्र में विधान सभा ही एकमात्र उचित और सक्षम माध्यम है। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि मेरे सत्र आहूत करने की मांग को राजनीतिक नजरिए से ना देख कर जन समस्याओं को उठाने एवं हल कराने के सार्थक व पवित्र दृष्टिकोण से ही देखें तथा जनहित में शीघ्र किया जाए।