अशोकनगर। मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन 1 मई को मजदूर दिवस के मौके पर एक दिवसीय प्रवास पर चंदेरी पहुंची। यहां उन्होंने चन्देरी साड़ी बनाने बाले बुनकरों से मिल कर साड़ी बनाने की प्रक्रिया को देखा। साथ बुनकरों से साड़ी बनाने के हुनर की जानकारी ली। साथ ही सरकार द्वारा मिलने बाली सहायत एवं इस हस्तकला के कलाकरों की समस्याओं पर भी बात की।चन्देरी में हेलीपैड पर अशोकनगर कलेक्टर डाँ मंजू शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत द्वारा राज्यपाल का स्वागत किया।
चंदेरी साड़ी की कसक खींच लाती है बुनकरों द्वारा हतकरघे पर परम्परागर रूप से हाथ से बनने बाली चन्देरी साड़ी की कसक बड़ी बड़ी हस्तियों को चन्देरी खींच लाती है।देश भर इस साड़ी की दीवानगी भारतीय फिल्म एवं राजनीति से जुड़ी महिलाओं के बीच बढ़ती ही जा रही है।म प्र की राज्यपाल भी चन्देरी साड़ी को काफी पसंद करती है।पूर्व के भी वह इन साड़ियों देख चुकी है।
साड़ी निमार्ण की प्रक्रिया को देखा
मजदूर दिवस के दिन राज्यपाल चन्देरी साड़ी उद्योग में शामिल मजदूरों के हुनर को देखने पहुँची।राज्यपाल सीधे बुनकरों के घर पहुँची एवं चंदेरी साड़ी निर्माण को बारीकी से देखा । चंदेरी वस्त्र उद्योग में उपयोग की जाने वाली सामग्री का जायजा लिया ।इस दौरान वह पहले 1985 में राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित बुनकर तुलसी राम कोली के घर पहुँची , यहां नाल फेंककर साड़ी निर्माण की कला को देखा एवं विस्तृत जानकारी प्राप्त की।साथ ही स्टेट अवार्ड से सम्मानित बुनकर दिलशाद अंसारी के घर पहुंचकर राज्यपाल ने हथकरघा पर जाकर साड़ी की बुनाई देखी तथा चंदेरी साड़ी पर डिजाइन बनाने वाले उपकरण जकाट को भी देखा हस्तकला द्वारा निर्मित चंदेरी साड़ी दुपट्टे आदि की कलाकृति देखकर राजपाल काफी प्रसन्न हुई हस्तकला द्वारा निर्मित वस्त्रों के उपयोग में आने वाला कच्चा माल मैटेरियल रेशम जरी मसराइस धागे ताना-बाना तथा वस्त्रों पर बनने वाले डिजाइन के उपयोग में आने वाले नक्शा आदि का बारीकी से अवलोकन किया