भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संकट के कारण अमेरिका में बढ़ रही बेरोजगारी को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने H-1B सहित अन्य विदेशी वर्क-वीजा (work visa) पर रोक लगा दी है। इस कदम से भारतीयों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि H-1B वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच काफी लोकप्रिय है। H-1B वीजा लेने वालों में करीब 70 फीसदी भारतीय होते हैं। हर साल लगभग 85,000 प्रवासियों को ये वीजा दिया जाता है।
ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा बड़े स्तर पर इस्तेमाल किए जाने वाले इमीग्रेशन वीजा (Immigration visa) को लेकर नए नियम जारी किए गए हैं। होमलैंड सिक्योरिटी के सेक्रेटरी चैड वुल्फ ने एक बयान में कहा है कि ‘हम ऐसे वक्त में पहुंच गए हैं, जब आर्थिक सुरक्षा होमलैंड सिक्योरिटी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। आसान शब्दों में कहें तो आर्थिक सुरक्षा अब होमलैंड सिक्योरिटी है। हमें कानून के अंतर्गत रहते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि अमेरिकी कामगारों को वरीयता मिले।’ हालांकि इसके तहत अभी पूरी जानकारी जारी नहीं की गई है लेकिन प्रोग्राम के आलोचकों का कहना है कि ट्रंप ने ये निर्णय अपनी संकीर्ण राजनीति के तहत लिया है, इससे कुछ प्रोफेशनल क्षेत्रों में वेतन की रेंज कम हो गई है।