मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और लापरवाही का एक और बड़ा उदाहरण सामने आया है। पहले ही स्वास्थ विभाग के आला अफसरों की बड़ी चूक के चलते विभाग का एक बड़ा अमला कोरोना पॉजिटिव हो गया है जिसमें 4 आईएएस अधिकारी भी शामिल है और अब कोरोना विभीषिका के एक महीना बीतने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी का गठन किया है ।
कमेटी गठन के आदेश में लिखा है कि नोबेल कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश स्तर पर कमेटी का गठन किया जाता है। हैरत की बात यह है कि इस कमेटी के गठन में विभाग के आदेश 18 मार्च 2020 का उल्लेख किया गया है यानी लगभग 25 दिनों के बाद विभाग को यह बात समझ में आई है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक टेक्निकल कमेटी का गठन होना चाहिए। अच्छी बात यह है कि इस कमेटी में सभी डॉक्टरों को शामिल किया गया है ।कमेटी का अध्यक्ष डा. सुदाम खाड़े को बनाया गया है जो वर्तमान में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं दी है इसके साथ-साथ डॉक्टर संतोष शुक्ला ,डा.दिनेश कुमार पाल,डा. लोकेंद्र दवे,डा. देवाशीष विश्वास,डा. प्रज्ञा तिवारी,डा. अभिजीत पाखरे और डा.सागर खड़ंगा को इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है. एक अन्य आईएएस जो पेशे से डॉक्टर भी हैं और विदिशा में कलेक्टर है ,डॉक्टर पंकज जैन को भी इस कमेटी में सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी नोबल कोरोना के नियंत्रण हेतु कार्य योजना तैयार करेगी और प्रदेश की आवश्यकता अनुसार तकनीकी निर्देशों को जारी करने और उनके लिए टीमों के गठन की कार्रवाई कर सकेगी। समिति अपनी प्रतिदिन की स्थिति का विश्लेषण कर कार्रवाई की प्रगति का विवरण अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को देगी।