एम्स भोपाल की शैक्षणिक समिति की बैठक में ऐतिहासिक स्वीकृतियां

Published on -

BHOPAL AIIMS NEWS : एम्स भोपाल की नवीं शैक्षणिक समिति की बैठक 22 नवंबर 2023 को आयोजित की गयी। बैठक के दौरान शैक्षणिक समिति ने महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक स्वीकृतियां दीं। इस बैठक में एम्स भोपाल के अध्यक्ष डॉ सुनील मलिक, कार्यपालक निदेशक एवं सी इी ओ एम्स भोपाल प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह सहित अन्य सदस्यों ने भाग लिया। बैठक के दौरान लिए गए निर्णय संस्थान की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे।

एम्स भोपाल में तीन महत्वपूर्ण विभाग स्थापित किए जाएंगे
मध्य भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने और गंभीर और दुर्लभ अनुवांशिक विकारों
के इलाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एम्स भोपाल में तीन महत्वपूर्ण
विभाग स्थापित किए जाएंगे, जिसमें क्रिटिकल केयर मेडिसिन, मेडिकल जेनेटिक्स, एवं
रूमेटोलॉजी और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी शामिल है। यह सभी विभाग मध्य प्रदेश के पहले
ऐसे विभाग होंगे जहां ऐसी सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त देश के कुछ गिने-चुने
स्थानों पर ही ऐसे विभाग कार्य कर रहे हैं। नए विभागों की स्थापना से राज्य के लोगों
को शीर्ष स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।

एम्स भोपाल में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवा के लिए सुपर स्पेशलाइजेशन कोर्स

इसके अतिरिक्त एम्स भोपाल में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवा के लिए सुपर स्पेशलाइजेशन कोर्स शुरू करने की भी स्वीकृति मिल गई है, जिससे जटिल चिकित्सा चुनौतियों से निपटने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर मिल सकेंगे। इस उद्देश्य से सुपर स्पेशलिटी पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जा रही है जिसमें बाल चिकित्सा सर्जरी, कार्डियोथोरासिस और वैस्कुलर सर्जरी, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट एवं पुनर्निर्माण, पीडियाट्रिक्स ऑर्थोपेडिक सर्जरी में एमसीएच। बाल चिकित्सा हेमेटोलॉजी ऑंकोलॉजी, बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म, में डीएम,  आपातकालीन चिकित्सा में एमडी, सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा एवं ओरल एंड मैक्सिलोफेसिअल में एमडीएस को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त एमएससी जैसे पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत की जा रही है जिसमें अस्पताल प्रबंधन में परास्नातक और ट्रांसलेशन मेडिसिन में एमएससी के कोर्स शुरू किए जाएंगे। ट्रांसलेशनल मेडिसिन में एमएससी पाठ्यक्रम शुरू करने वाला एम्स भोपाल देश का पहला संस्थान बन जाएगा।

उद्देश्य स्नातक डिग्री के छात्रों को चिकित्सा प्रौद्योगिकी और नवाचारों में सक्षम बनाना

इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्नातक डिग्री के छात्रों को चिकित्सा प्रौद्योगिकी और नवाचारों में सक्षम बनाना, अंतर विषय और बहू विषय एकीकृत शिक्षण दृष्टिकोण से बेहतर स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना है। बैठक के दौरान अध्यक्ष डॉ सुनील मलिक ने कहा कि एम्स भोपाल में इन विभागों के शुरू होने से चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा जिससे राज्य के लोगों को और बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही उन्होंने संकाय सदस्यों को इन नए प्रयासों के लिए धन्यवाद भी दिया। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं और शोध के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने और नए कीर्तिमान स्थापित
करने की दिशा में एम्स भोपाल लगातार कार्य कर रहा है।


About Author

Sushma Bhardwaj

Other Latest News