पद से हटने के बाद सामने आया आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा का बड़ा बयान

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लोक अभियोजन संचालनालय (Directorate of public prosecution) से गृह विभाग मंत्रालय में ट्रांसफर के बाद पुरुषोत्तम शर्मा (Purushottam Sharma) का बड़ा बयान सामने आया है।मेरे परिवार का मामला आगे बढ़ गया था इसलिए राज्य शासन ने कार्यवाही की। मुझे इस कार्रवाई पर कोई आपत्ति नहीं है। मैं अपने बेटे और पत्नी से लगातार बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा हूं। पिछले 12 साल से अपने रिश्ते को संभाल रहा हूं, मेरे परिवार का मौलिक अधिकार है कार्रवाई करने का। मुझे कोई दिक्कत नहीं है। यदि मेरी पत्नी मुझसे तंग आ गई है तो मुझसे तलाक़ ले लें। मैंने अपने घर की रजिस्ट्री पत्नी के नाम कर दी, अब दूसरे घर पर आ गया हूं। पत्नी के शक का कोई इलाज नहीं है। मेरा रिटायरमेंट करीब है। ऐसे में मेरी कोशिश है कि परिवार बिखरे नहीं।

इससे पहले आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा (IPS officer Purushottam Sharma) एक और बयान सामने आया था, जिसमे उन्होंने कहा कि मैंने कोई क्राइम नहीं किया है। ये मेरे और मेरी पत्नी के बीच का यह पारिवारिक मामला है ‌। अगर वह मुझसे इतनी नाराज हैं तो मेरे साथ क्यों रहती हैं । मेरे पैसे का इस्तेमाल क्यों करती हैं? मेरे पैसों पर विदेश यात्राएं क्यों करती हैं?।। यह मेरा पारिवारिक मामला है , इसे मैं खुद सुलझा लूंगा , मैं मेरी पत्नी से लगातार संपर्क में हूं, मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं कि यह मामला सुलझा लिया जाए। यह सेल्फ डिफेंस के तहत झूमा-झटकी का मामला है। मैंने कोई मारपीट नहीं की है, सिर्फ धक्का-मुक्की और झूमा झटकी हुई है।वायरल वीडियो (VIRAL VIDEO) को लेकर कहा कि मेरी पत्नी और मेरा बेटा ही बता सकते हैं कि उन्होंने वीडियो क्यों वायरल किया। मेरी पत्नी ने पूरे घर में सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। मैं जहां जाता हूं , मेरा पीछा करती है मुझे स्टॉक करती है। मैं बहुत परेशान हूं, 2008 में भी उन्होंने मारपीट की शिकायत की थी। आज 12 साल बाद पता नहीं फिर उन्हें मुझसे क्या तकलीफ हो गई। अगर मुझसे वो इतनी दुखी थीं तो इतने साल मेरे साथ क्यों रहीं। यह मेरे लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)