नशा मुक्त भारत अभियान में MP की महत्वपूर्ण पहल, 31 जिला अस्पतालों में खुलेंगे Addiction Treatment Facilities Centers

इस अभियान के अंतर्गत, प्रदेश में 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर 2024 के बीच इन एटीएफ सेन्टर्स की स्थापना अनिवार्य रूप से की जाएगी। इसके लिए सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे मेडिकल वार्ड में आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करें और नशा पीड़ितों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था करें।

Atul Saxena
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Nasha Mukt Bharat Abhiyaan

Addiction treatment facilities centers : नशे की आदत से देश को लोगों को दूर करने के लिए  भारत सरकार नशामुक्त भारत अभियान चला रही है, इसे लेकर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिससे लोग नशे की जकड़ से आजाद हो जाएँ, मध्य प्रदेश सरकार ने इन कार्यक्रमों के साथ साथ एक नै पहल की है, सरकार प्रदेश में  Addiction Treatment Facilities (ATF) सेन्टर की स्थापना करने जा रही है।

मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि नशे की लत को नियंत्रित करने और नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिये मध्य प्रदेश में कई कदम उठाए जा रहे हैं। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के “नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने हेतु राष्ट्रीय कार्ययोजना” (NAPDDR) के अंतर्गत प्रदेश के 31 जिलों में Addiction Treatment Facilities (ATF) सेन्टर की स्थापना की जाएगी। यह कदम नशामुक्त भारत अभियान को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

जिला अस्पतालों में खुलेंगे Addiction Treatment Facilities Centers

मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि यह पहल प्रदेश के उन जिलों में की जा रही है जिन्हें नशा मुक्ति के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इन जिलों के शासकीय जिला चिकित्सालयों में एटीएफ सेन्टर स्थापित किए जाएंगे, जहां नशा पीड़ितों के उपचार के लिए समर्पित वार्ड बनाए जाएंगे। वार्ड में 10 बेड आरक्षित रहेंगे, जिनका उपयोग नशा पीड़ितों के उपचार में होगा। आवश्यकता से अधिक बेड उपलब्ध होने पर सामान्य मरीजों के लिए भी बेड का उपयोग किया जा सकेगा।

2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर 2024 के बीच होगी एटीएफ सेंटर्स की स्थापना 

मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत, प्रदेश में 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर 2024 के बीच इन एटीएफ सेन्टर्स की स्थापना अनिवार्य रूप से की जाएगी। इसके लिए सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे मेडिकल वार्ड में आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करें और नशा पीड़ितों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था करें।

इन 31 जिलों में खोले जायेंगे ATF सेंटर्स 

प्रदेश के 31 जिले आगर-मालवा, अलीराजपुर, अनुपपूर, अशोकनगर, बडवानी, बैतूल, बुरहानपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, देवास, धार, हरदा, झाबुआ, कटनी, खरगौन, मण्डला, निवाड़ी, श्योपुर, उज्जैन, राजगढ़, शहडोल, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, मऊगंज, मेहर एवं पार्डुना में एटीएफ सेंटर प्रारंभ होंगे। ये सेंटर नशा मुक्त भारत अभियान को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के तहत करेंगे काम 

एटीएफ सेन्टरों की स्थापना के संबंध में एनडीडीटीसी और एम्स नई दिल्ली को प्रस्ताव भेजे गए हैं, जो केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के तहत होंगे। इस पूरे प्रयास का मुख्य उद्देश्य नशे के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाना और पीड़ित व्यक्तियों को समुचित उपचार और पुनर्वास की सुविधा प्रदान करना है। मध्य प्रदेश सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम से नशे के दुष्प्रभावों से पीड़ित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी, जिससे वे समाज में पुनः सकारात्मक योगदान देने में सक्षम हो सकेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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