Independence Day 2024: 15 अगस्त पर MP की जेलों में बंद आजीवन कारावास से दंडित 177 बंदियों को मिलेगी रिहाई

इन बंदियों को रिहाई जेल मेनुअल के हिसाब से उनके अच्छे आचरण को देखते हुए दी जा रही है, नियमानुसार इन बंदियों ने सजा के दौरान कुछ प्रशिक्षण भी प्राप्त किया जिससे जेल से बाहर अपना जीवन चला सकें।

Atul Saxena
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Central Jail Gwalior

Independence Day 2024: भारत कल अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनायेगा, पूरे देश में जश्न का माहौल है, देश में हर घर अभियान के तहत तिरंगा फहराया जा रहा है, जगह जगह कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारियां हो रही हैं, इस बीच मध्य प्रदेश की जेलों में बंदियों की रिहाई के आदेश भी हुए हैं, इस बार मध्य प्रदेश की जेलों में बाद 177 बंदियों को रिहा किया जायेगा।

5 महिला बंदी सहित 177 बंदी होंगे रिहा 

मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी किये गए आदेश के मुताबिक मध्य प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद 177 बंदियों को इस स्वतंत्रता दिवस पर रिहा किया जायेगा, इसमें 5 महिला बंदी भी शामिल हैं, आदेश के मुताबिक ये सभी बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे लेकिन रिहा होने वालों में आजीवन कारावास के वो बंदी शामिल नहीं हैं को बलात्कार , पाक्सो जैसे अपराध की सजा काट रहे हैं।

प्रदेश की 11 सेन्ट्रल जेल और एक जिला जेल से होगी बंदियों की रिहाई 

जिन बंदियों को रिहा किया जायेगा उनमें सेन्ट्रल जेल उज्जैन से 19 बंदी, सेन्ट्रल जेल सतना से 24 बंदी, सेन्ट्रल जेल नर्मदापुरम से 6 बंदी, सेन्ट्रल जेल बड़वानी से 7 बंदी, सेन्ट्रल जेल ग्वालियर से 16 बंदी, सेन्ट्रल जेल जबलपुर से 20 बंदी, सेन्ट्रल जेल रीवा से 14 बंदी, सेन्ट्रल जेल सागर से 19 बंदी, जिला जेल टीकमगढ़ से 4 बंदी, सेन्ट्रल जेल नरिसंहपुर से 15 बंदी , सेन्ट्रल जेल इंदौर से 18 बंदी और सेन्ट्रल जेल भोपाल से 15 बंदियों को रिहा किया जायेगा, इन बंदियों को रिहाई जेल मेनुअल के हिसाब से उनके अच्छे आचरण को देखते हुए दी जा रही है, नियमानुसार इन बंदियों ने सजा के दौरान कुछ प्रशिक्षण भी प्राप्त किया जिससे जेल से बाहर अपना जीवन चला सकें।   


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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