भोपाल| लोकसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में रोज नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं| धार सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाने वाले जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) को बड़ा झटका लगा है| यहां से जयस के प्रत्याशी महेंद्र कन्नौज ने गुरुवार को नामवापसी के अंतिम दिन अपना नामांकन वापस ले लिया। अब संसदीय क्षेत्र में भाजपा के छतर सिंह दरबार और कांग्रेस के दिनेश गिरवाल के बीच मुकाबला होगा। जयस के प्रत्याशी के मैदान में उतरने से माना जा रहा था कि यहां त्रिकोणीय मुकाबला होगा, लेकिन जयस प्रत्याशी के पीछे हटने से भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी जंग है|
दरअसल, जयस ने कांग्रेस ने कुछ सीटों पर टिकट की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस ने झटका देते हुए सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे, जिसके बाद बीजेपी से भी चर्चा सफल नहीं हुई और जयस ने रतलाम झाबुआ और धार सीट पर प्रत्याशी उतार दिए| लेकिन गुरुवार 2 मई को नामवापसी के अंतिम दिन यहां बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिला, जयस के प्रत्याशी महेंद्र कन्नौज ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके साथ ही संगठन में फूट भी सामने आ गई| नामांकन फार्म उठाते ही महेंद्र कन्नौज ने कहा कि चुनाव लडऩे के निर्णय के बाद से डॉ हीरालाल अलावा का साथ उनको नहीं मिल रहा था, इसीलिए चुनाव लडऩे का निर्णय बदला है। इधर, जयस प्रदेशाध्यक्ष अंतिम मुजाल्दा ने महेंद्र कन्नौज पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वार्थ साधने के लिए उन्होंने संगठन को अंधेरे में रखकर अपना फार्म उठाया है। नामांकन वापसी का निर्णय संगठन का नहीं था। डॉ. अलावा को भी कन्नौज बदनाम कर रहे हैं।
कन्नौज ने फाॅर्म वापस लेने की सूचना प्रदेश अध्यक्ष तक को नहीं दी। कन्नौज ने बताया कि जयस के संरक्षक डाॅ. हीरालाल अलावा अभी तक बोल रहे थे कि मैं तुम्हारे साथ हूं लेकिन मेरे एक भी नामांकन पत्र जमा करवाने के लिए वे नहीं आए। हम लोगों ने डाॅ. अलावा के कहने व उनके भरोसे पर ही चुनावी मैदान में आए थे। अब वे हमारे साथ नहीं है तो मैंने अपना नामांकन फाॅर्म वापस ले लिया है।