भोपाल। मध्यप्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए राज्य सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। खबर है कि इसी साल से पांचवीं और आठवीं को बोर्ड परीक्षा घोषित की जा सकती है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री के पास भी भेज दिया है। यहां से हरीझंड़ी मिलने के बाद आगे की प्रकिया की जाएगी।मंत्री के अनुमोदन के साथ ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। इसे देखते हुए परीक्षा की प्रस्तावित तारीख में परिवर्तन भी किया जा सकता है।चुंकी पांचवी और आठवी की परीक्षाएं 28 फरवरी को प्रस्तावित की गई है।
दरअसल, पहले एमपी समेत कई राज्यों में पांचवी और आठवी की परीक्षाएं बोर्ड ही हुआ करती थी, लेकिन बोर्ड होने के चलते बच्चों को फेल होने का डर लगा रहता था, कई तो परीक्षा ही देने नही जाते तो कई देकर भी फेल हो जाते। लगातार शिक्षा के गिरते स्तर को देखते हुए पांचवी और आठवी को बोर्ड से हटाकर साधारण परीक्षाओं की भांति करवाने का फैसला लिया गया, इससे सुधार तो हुआ लेकिन खास फायदा नही।बच्चे पास तो हुए और उनमें बोर्ड का डर भी खत्म हो गया, लेकिन दसवीं बोर्ड में इसका असर दिखाई देने लगा। इसके बाद परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर करवाई जानी लगी, ताकी आने वाले भविष्य में कभी फिर से बोर्ड किया जाए तो बच्चों में भय व्याप्त ना हो।बीते कई सालों से एमपी में पांचवी और आठवी की परीक्षाएं बोर्ड जैसी ही करवाई जा रही है।
इसके बाद 27 राज्यों की उठती मांग पर केन्द्र की मोदी सरकार ने ‘नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई)” की धारा-30 में संशोधन कर दिया है,जिसके अनुसार राज्य सरकारे अपनी सहूलियत को देखते हुे परीक्षाओं को बोर्ड कर सकता है। जिसके बाद राज्य सरकार ने भी फैसला लिया है कि पांचवी और आठवी की परीक्षाएं बोर्ड स्तर पर ही करवाई जाएंगी। स्कूल शिक्षा विभाग का यह प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति के लिए मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के पास पहुंच गया है। मंत्री की स्वीकृति के बाद विभाग 28 फरवरी से प्रस्तावित दोनों परीक्षाओं को बोर्ड आधारित करा सकता है। विभाग के अफसरों को मंत्री के अनुमोदन का इंतजार है। अनुमोदन के साथ ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। इसे देखते हुए परीक्षा की प्रस्तावित तारीख में परिवर्तन भी किया जा सकता है।