भोपाल।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने 40 दिन से ज्यादा हो चुकै है, मंत्रियों को विभाग आवंटित कर दिया गया है, लेकिन बावजूद इसके उनके कामकाज में कोई तेजी नही है। कार्यप्रणाली और बयानबाजी को लेकर कमलनाथ के मंत्री इन दिनों चर्चाओं में बने हुए है। जिसके चलते सरकार ने फैसला लिया है कि वह मंत्रियों की पाठशाला लगाएगी और उन्हें कामकाज के तौर-तरीके सिखाए जाएंगें। बताते चले कि कमलनाथ कैबिनेट में 28 मंत्री है, जिसमें 21विधायक पहली बार मंत्री बने है और 7 पहले भी मंत्री रह चुके है।
खबर है कि यह पाठशाला फरवरी महिने में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में हो सकती है। दिया जाएगा।इस एक दिन के प्रशिक्षण में मंत्रियों को प्रशासनिक काम मे दक्ष करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी है।हालांकि अभी तारीख तय नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में ही ये प्रशिक्षण हो सकता है।
दरअसल,कांग्रेस सरकार के 28 मंत्रियों में सात पहले भी मंत्री रह चुके हैं। जबकि दो मंत्री संसदीय सचिव रहे हैं। इस प्रकार से देखा जाए तो सरकारी कामकाज का अनुभव 21 मंत्रियों को सीधे तौर पर नहीं है। सीएम की तेजी से काम करने की मंशा है इसलिए वह मंत्रालय में ज्यादा से ज्यादा वक्त दे रहे। मंत्रियों से भी बेहतर काम की अपेक्षा। बिजनेस रूल्स, कार्य आवंटन नियम, मंत्रालय की कार्यप्रणाली संबंधित जानकारी दी जाएगी।
बता दे कि विधानसभा चुनाव के बाद सरकार का फोकस लोकसभा चुनाव पर है। कांग्रेस चाहती है कि लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा वादों को पूरा किया जाए ताकी उन्हें जनता के बीच भुनाया जा सके।हाल ही विदेश यात्रा से लौटने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों के साथ बैठक ली थी, जिसमें उन्होंने कई मंत्रियों को उनके कामकाज को लेकर फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि वे अकेले ही काम कर रहे है, मंत्रियों के कामों में तेजी नही दिख रही है। वही उन्होंने गृहमंत्री को भी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वे दिखाई नही दिए तो उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवानी पड़ेगी।इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए कमलनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि वह मंत्रियों की पाठशाला लगाकर प्रशिक्षण देगी।