भोपाल।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में टिकटों को लेकर जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। टिकट वितरण की पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की है। बावरिया के प्रदेश दौरे ना होने के चलते कमलनाथ प्रदेश का जिम्मा संभाले हुए है। बीते दिनों ही उन्होंने पदाधिकारियों से इस बारे में बात की थी और उनकी राय जानी थी। वही उन्होंने वरिष्ठ नेता दिग्विजय को सबसे कठिन सीट से चुनाव ल़ड़ने का सुझाव दिया है। कई सीटों पर बनते समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे है, हालांकि बीते दिनों सर्वे में भी यह बात सामने आई थी।यही कारण है कि अभी तक पार्टी मध्यप्रदेश में नाम फायनल नही कर पा रही है। सुत्रों की माने तो मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने स्तर पर सर्वे भी करवा रहे है, ताकी वास्तविक स्थिति को भांपा जा सके।जिसके बाद नाम फायनल किए जाएंगें।ऐसे में साफ है कि इस बार टिकट वितरण की सारी कमान कमलनाथ के हाथों ही होगी, चुंकी हाल ही में इंदौर सीट के दावेदार विनोद बकलीवाल पर भी कमलनाथ ने असहमति जताई थी।
मुरैना से कांग्रेस नेता राम निवास रावत का नाम फायनल माना जा रहा है, लेकिन पैनल में अब जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मावई, प्रदुम्न सिंह तोमर के भाई देवेन्द्र सिंह तोमर और मनोज पाल सिंह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम सामने आया है। वही प्रियदर्शनी के ग्वालियर से चुनाव लड़ाए जाने की अटकलों के बीच राम सेवक बाबूजी पूर्व सांसद, मोहन सिंह राठौर ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, सुनील शर्मा प्रदेश महामंत्री, और प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह का नाम भी चर्चा में आ गया है। बड़े नेताओं ने तो अशोक सिंह की लॉबिंग करना शुरु कर दी है।सिंधिया और दिग्विजय के भी सीट को लेकर संशय बना हुआ है। कमलनाथ ने उन्हें प्रदेश की सबसे कठिन सीट से चुनाव लड़ने का सुझाव दिया है, जिसे दिग्विजय ने स्वीकार किया है, हालांकि उन्होंने स्पष्ट कहा है कि राहुल गांधी जहां से कहेंगें वही से चुनाव लड़ा जाएगा।
वही सतना और खंडवा से अजय सिंह और अरुण यादव का नाम सामने आने के बाद अन्य दावेदारों की भी लाइन लग गई है। सतना में अजय सिंह के खिलाफ बगावती सूर फूट रहे है, जिसके चलते उनकी सीट बदलने की अटकलें तेज है। पार्टी ने अजय सिंह को सीधी से चुनाव लड़ाए जाने के संकेत दिए हैं, लेकिन वे सतना से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। सिंह का कहना है कि पार्टी उन्हे जहां से भी टिकट देगी, वहां से चुनाव लड़ लेंगे।सतना से राजेन्द्र सिंह दावेदारी पेश किए हुए है। वही मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सीधी से अपनी पत्नी के लिए टिकट की मांग की है।खंडवा से अरुण यादव का नाम सामने आने पर विरोध देखने को मिल रहा है। यहां से वर्तमान निर्दलीय विधायक शेरा पत्नी के लिए टिकट की दावेदारी किए हुए है। शेरा की नाराजगी दुगुनी है क्योंकि वे पहले ही कमलनाथ सरकार से मंत्री ना बनाए जाने पर नाराज चल रहे है और कई बार धमकी भी दे चुके है। इस बार उन्होंने अपनी पत्नी के लिए टिकट की मांग की है। पैनल में उनका नाम भी सामने आय़ा है।
कमलनाथ लगाएंगें अंतिम मुहर
इसके अलावा भिंड से महेन्द्र बोध का नाम आगे चल रहा था, लेकिन अब महेन्द्र जाटव, कमलापति आर्य, हिंडोनिया के भी नाम पैनल में शामिल किए गए है। हिंडोनिया मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के समर्थक बताए जाते हैं और वहां से सिंधिया ने अपनी समर्थक विधायक रक्षा के पति संतराम सरोनिया का नाम भी आगे बढ़ाया है।भले ही कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने चुनाव लड़ने के इंकार कर दिया हो लेकिन वे भी दावेदारी करने से पीछे नही हट रहे है। यहां से प्रताप सिंह लोधी और जया ठाकुर का भी नाम चर्चा में है। हालांकि खजुराहो से राजा पटेरिया और रामकृष्णा कुसमारिया का नाम दौड़ में शामिल है।वही जिला पंचायत अध्यक्ष ताल ठोक रहे है। 22 तारीख को राजधानी भोपाल में बैठक बुलाई गई है, जिसमे उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा की जाएगी।इसी के चलते होली के पहले लिस्ट आने की संभावना नही है। खबर है कि प्रदेश प्रभारी और मुख्यमंत्री कमलनाथ अंतिम फैसला करेंगें।
मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली रवाना
बैठक के पहले कई सीटों को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ दो दिन के छिंदवाड़ा दौरे के बाद रविवार शाम को दिल्ली रवाना हो गए ह। उनका दिल्ली में मप्र में टिकट वितरण को लेकर आयोजित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भाग लेने का कार्यक्रम है। इसके बाद सोमवार से दो से तीन दिनों तक मध्यप्रदेश में लोकसभा सीटों पर नेताओं के बीच उभरे विवाद को खत्म करने पर बड़े नेताओं की चर्चा होगी। रविवार को भी चर्चा हुई लेकिन मप्र के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया, प्रभारी सचिव सुधांशु त्रिपाठी, हर्षवर्धन सपकाल जैसे नेता दिल्ली में मौजूद नहीं थे। सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ के साथ छिंदवाड़ा से संभावित प्रत्याशी और उनके पुत्र नकुलनाथ भी वहां पहुंचे हैं। उनका टिकट लगभग तय माना जा रहा है।