भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है। 17 दिसंबर को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। कमलनाथ सरकार के एक साल पूरे होने पर आज रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाएगा। जिसमें सरकार उन कामकाज के बारे में बातएगी जो एक साल में वचन पत्र के मुताबिक पूरे किए गए हैं। लेकिन राजधानी के कई राजनीति के जानकार पत्रकारों ने भी सरकार के एक साल के काम काज को लेकर अपनी राय दी। उनका कहना है कि सरकार कई मोर्चा पर फेल साबित हुई है। किसानों के कर्ज माफी के वादे अब तक पूरे नहीं हुए। सरकार ने जो वादे किए थे उनप अमल करना भी शुरू नहीं किया है।
मुसलमानों की राजनीति और मुसलमानों के मुद्दों पर गहरी नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जफर आलम ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहाक कि, ‘कांग्रेस सरकार ने अल्पसंख्यकों से जो वादे किए थे, वे एक साल में पूरे नहीं हुए। कांग्रेस की तुलना में भाजपा सरकार बेहतर थी, जिसने अल्पसंख्यकों के लिए बहुत काम किया है।
वहीं, उर्दू दैनिक नदीम अखबार के पत्रकार मुशाहीद ने कहा कि, मुस्लिम समुदाय यह बात समझ गया है कि कांग्रेस हो या फिर बीजेपी यह सिर्फ उनका वोट लेना चाहती हैं लेकिन उनके लिए कोई काम नहीं करना चाहती। मुसलमान कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्ष के रूप में वोट देते हैं, इन वर्षों में कांग्रेस सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए कोई काम नहीं किया है। पत्रकार आशु खान का कहना है कि, ‘कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को वचन पत्र का नाम दिया है। जिसका मतलब होता है हर हाल में किए गए वादों को पूरा करना। लेकिन एक साल में सरकार ने अल्पसंख्यक से संबंधित मामलों में कोई खास कदम नहीं उठाया है। कई मुस्लिम इदारे खाली पड़े हैं वहां अध्यक्ष की नियु्क्ति नहीं की गई है। उर्दू अकादमी को सरकार ने संस्कृत विभाग से अलग करने और उसके मूल रूप से आटोनामस करने का वादा किया है लेकिन इस ओर भी कोई कदम नहीं उठाया गया है।